आज 68वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा हुयी. इस प्रोग्राम का आयोजन भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से किया गया. ये PIB के सोशल मीडिया हैंडल पर लाइव टेलीकास्ट हुआ. इस इवेंट में कई सारी फिल्मों और एक्टर्स को उनके शानदार काम के लिए अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया. आइये जाने सबसे पहले कब हुई थी इसकी शुरुआत
कब और क्यों शुरू हुआ नेशनल फिल्म अवार्ड
नेशनल फिल्म अवॉर्ड कला, संस्कृति, सिनेमा और साहित्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ काम करने वाले कलाकारों को दिया जाता है. देश में स्वतंत्रता के बाद कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी. इसका आरंभ करने के लिए 1949 में एक कमेटी गठित की गई. इस समिति का काम शिक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित बनी सर्वोत्तम फिल्मों का चुनाव करना था. शुरुआती दौर में इन्हें राजकीय फिल्म पुरस्कार के नाम से जाना जाता था.
सबसे पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड सर्वश्रेष्ठ फिल्म का स्वर्ण पदक मराठी फिल्म श्यामची आई को दिया गया था. वहीं सर्वश्रेष्ठ वृत्त चित्र का स्वर्ण पदक महाबलीपुरम मिला था. इसके उपरान्त हिंदी फिल्म दो बीघा जमीन के साथ बांग्ला फीचर फिल्म भगवान् श्रीकृष्ण चैतन्य और बच्चों की फिल्म खेला घर योग्यता प्रमाण पत्र दिया गया था.
इस साल कौन कौन सी फिल्में जीत सकती हैं अवॉर्ड
इस बार बेस्ट बंगाली फिल्म, बेस्ट हिंदी फिल्म, बेस्ट कन्नड़ फिल्म, बेस्ट मराठी फिल्म, बेस्ट मणिपुरी फिल्म, बेस्ट ओडिया फिल्म, बेस्ट पंजाबी फिल्म, बेस्ट तमिल, बेस्ट तेलुगू, बेस्ट छत्तीसगढ़ी, हरियाणवी, खासी, मिसिंग, पनिया, तुलु भाषा में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवॉर्ड दिया जाएगा.
क्या मिलता है अवार्ड में और कौन देता है अवार्ड
यह अवार्ड कई तरीके का होता है जिनमें रजत कमल, स्वर्ण कमल आदि नाम है. अवॉर्ड में नकद पुरस्कार भी दिया जाता है, जबकि कुछ कैटेगरी में सिर्फ मेडल ही दिया जाता है. दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के विजेता को पुरस्कार स्वरूप स्वर्ण कमल, 10 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और शॉल प्रदान किया जाता है. सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म विनर को स्वर्ण कमल और ढाई लाख रुपये दिए जाते हैं. इस अवार्ड को वैसे तो राष्ट्रपति देता है लेकिन पिछले कुछ सालो से यह अवार्ड उपराष्ट्रपति और सुचना प्रसारण मंत्री द्वारा दिया जा रहा है.
किसको मिला अवार्ड
इस साल फीचर फिल्म जूरी का नेतृत्व फिल्म निर्माता विपुल शाह (Vipul shah) ने किया. पुरस्कारों की घोषणा जूरी सदस्य धरम गुलाटी ने की. राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार इस साल के अंत में एक समारोह में दिए जाएंगे. यहां देखिए विजेताओं की लिस्ट.
बेस्ट पापुलर फिल्म- ताण्हाजी: द अनसंग वॉरियर
बेस्ट फीचर फिल्म- सोरारई पोटरू (तमिल)
बेस्ट एक्टर- अजय देवगन (ताण्हाजी: द अनसंग वॉरियर) और सूर्या (सोरारई पोटरू)
बेस्ट हिन्दी फिल्म- तुलसीदास जूनियर (आशुतोष गोवारिकर)
बेस्ट डायरेक्टर- केआर सचिदानंदन (मलयालम फिल्म एके अय्यप्पनम कोशियुम के लिए)
बेस्ट एक्ट्रेस- अपर्णा बालमुरली (सोरारई पोटरू)
बेस्ट गीतकार- मनोज मुन्तशिर (सायना)
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर- बीजू मेनन (अय्यप्पनम कोशियुम)
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस- लक्ष्मी प्रिया चंद्रमौली (शिवरंजिनियम इनुम सिला पेंगलम)
बेस्ट बुक ऑन सिनेमा- द लॉन्गेस्ट किस- किश्वर देसाई इसके लेखक हैं.
बेस्ट नरेशन ‘वॉयस ओवर’ अवॉर्ड- शोभा थरूर श्रीनिवासन- फिल्म ‘रैप्सोडी ऑफ रेन- मॉनसून ऑफ केरल’ के लिए
बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन- विशाल भारद्वाज (1232 किलोमीटर के लिए)
बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन (गीत)- थमन एस (अला वैकुंठपुरमुलु)
बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन (बैकग्राउंड म्यूजिक)- जीवी प्रकाश (सोरारई पोटरू)
बेस्ट नॉन-फीचर फिल्म- एना की गवाही (डांगी)
बेस्ट तेलुगु फिल्म- कलर फोटो
बेस्ट तमिल फिल्म- शिवरंजिनियुम इनुम सिला पेंगलु
बेस्ट कन्नड़ फिल्म- डोलु
मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट- मध्य प्रदेश
मोस्ट फिल्म फ्रेंडली (विशेष उल्लेख)- उत्तराखंड और यूपी
बेस्ट फिल्म ऑन सोशल इस्यू- जस्टिस डिलेड बट डिलिवर्ड और थ्री सिस्टर्स को संयुक्त रूप से दिया जाता है.
अजय देवगन ने नेशनल अवॉर्ड पर ये कहा
अजय देवगन ने नेशनल अवॉर्ड जीतने पर रिएक्ट किया. उन्होंने कहा, “मैं 68वें राष्ट्रीय पुरस्कारों में तान्हाजी-द अनसंग वॉरियर के लिए बेस्ट एक्टर जीतकर काफी उत्साहित हूं. सूर्या ने सोरारई पोटारू के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड जीता. मैं सभी को धन्यवाद देता हूं, सबसे बढ़कर मेरी क्रिएटिव टीम, दर्शकों और मेरे प्रशंसकों का. मैं अपने माता-पिता और ईश्वर के आशीर्वाद का भी आभार व्यक्त करता हूं। सभी विनर्स को बधाई.