आज कल सेलिब्रेशन का कोई भी मौका हो, लोग चॉकलेट खाना और गिफ्ट करना पसंद करते हैं. यहां तक कि त्योहारों पर भी चॉकलेट का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है. क्या आप भी ‘चॉकलेट’ खाने के शौकीन हैं? अगर हां, तो आपके लिए अच्छी खबर है,आज आपको अपने फेवरेट डे को सेलिब्रेट करने का चांस मिलेगा. हर साल 7 जुलाई को ‘वर्ल्ड चॉकलेट डे’ मनाया जाता है. यह दिन दुनियाभर के तमाम चॉकलेट प्रेमियों के लिए एक खास मौका होता है.
चॉकलेट डे का इतिहास और कब से हुई थी शुरुआत
चॉकलेट का इतिहास लगभग 2,500 साल पुराना बताया जाता है. एज़्टेक (एज़्टेक एक मेसोअमेरिकन संस्कृति थी जो मध्य मेक्सिको में 1300 से 1521 तक उत्तर-शास्त्रीय काल में फली-फूली.) ने सबसे पहले चॉकलेट की खोज की थी. उन्हें विश्वास था कि ज्ञान के देवता, क्वेटज़ालकोट ने उन्हें यह दिया था. वे कोको का इस्तेमाल अन्य चीजों के लेन-देन या कह लीजिए कोको के बीज मुद्रा के रूप में इस्तेमाल करते थे. लेकिन 16वीं शताब्दी तक चॉकलेट कड़वी ही थी.
कैसे बढ़ा चॉकलेट का स्वाद
कहा जाता है कि साल 1519 में स्पेनिश खोजकर्ता हर्नान कोर्टेस को चॉकलेट पीने के लिए दिया गया, जिसे वह अपने साथ स्पेन ले गया और बेहतर स्वाद के लिए उसमें वेनिला, चीनी और दालचीनी मिला दी. इसके बाद, सन 1550 में यूरोप में पहली बार 7 जुलाई के ही दिन चॉकलेट डे मनाया गया था. इसके बाद दुनिया भर के कई देशों में मनाया जाने लगा. स्वाद बदलने के बाद चॉकलेट को दुनिया भर में पसंद किया जाने लगा.
कब हुयी चॉकलेट कंपनियों की शुरुआत
कई बड़ी चॉकलेट कंपनियों की शुरुआत 19वीं और 20वीं शताब्दी हुई. कैडबरी, इंग्लैंड में 1868 में शुरू हुआ. इसके 25 साल बाद शिकागो में वर्ल्ड्स कोलंबियन एक्सपोज़िशन में चॉकलेट प्रोसेसिंग औजार खरीदे गए. मिल्टन एस. हर्शे, अब दुनिया के सबसे बड़े और विश्व-प्रसिद्ध चॉकलेट क्रिएटर्स में से एक हैं. उन्होंने चॉकलेट-लेपित कारमेल का उत्पादन करके कंपनी शुरू की. नेस्ले की शुरुआत 1860 के दशक में हुई थी और यह दुनिया के सबसे बड़े खाद्य समूहों में से एक बन गया है. इस डे को सेलिब्रेट करने की शुरुआत साल 2009 में हुई थी. माना जाता है कि यह दिन साल 1550 में यूरोप में चॉकलेट की शुरुआत की वर्षगांठ है.
चॉकलेट के फायदे और नुकसान
चॉकलेट खाने से तनाव कम होता है क्योंकि चॉकलेट तनाव बढ़ाने वाले हारमोंस को नियंत्रित करता है. लेकिन इसके कई सारे लाभ और नुकसान भी है. एक रिसर्च में यह भी पता चला है कि चॉकलेट ब्लड प्रेशर को नियंत्रित और कम करने का काम भी करता है. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि चॉकलेट एंटी ओक्सिडेंट के गुण होते हैं जिसके कारण आप जल्दी बूढ़े नहीं होते.
ऐसा कहाँ जाता है की चॉकलेट कोको के बीज से तैयार की जाती है, जो रक्त प्रवाह और रक्तचाप के स्तर में सुधार करने में सहायक है. अध्ययन के मुताबिक, डार्क चॉकलेट में पाया जाने वाले फ्लेवनॉल्स शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाने के लिए धमनियों की परत को उत्तेजित करता है. धमनियों को आराम देने का काम नाइट्रिक ऑक्साइड करता है. साथ ही रक्त प्रवाह के प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है. इस कारण ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है.
डार्क चॉकलेट का सेवन कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करके हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करने में मदद करता है. डॉर्क चॉकलेट से हृदय स्वास्थ्य और ब्लड प्रेशर में भी सुधार देखा जा सकता है.