मलेशिया की एयर लाईन कंपनी एयर एशिया ने अपनी शेष हिस्सेदारी को भारत में बेचने का फैसला किया है. एयर एशिया कंपनी ने एक रेग्युलेटरी फाइलिंग के दौरान यह जानकारी दी है. एयर एशिया एविएशन ग्रुप लिमिटेड ने बयान में कहा कि उसने एयर एशिया इंडिया में अपने बाकी बचे शेयरों को एयर इंडिया को बेचने के लिए एक शेयर खरीद समझौता (शेयर पर्चेज एग्रीमेंट) साइन किया है. हालांकि इसने इस बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी है.
जून में दी गई थी मंजूरी
CC ने इसी वर्ष जून में एयर इंडिया द्वारा एयर एशिया इंडिया की संपूर्ण हिस्सेदारी के प्रस्ताव को अधिग्रहण को मंजूरी दे दी. इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद एयर एशिया के सारे शेयर टाटा ग्रुप के पास आने का रास्ता साफ हो गया था. एयर एशिया इंडिया, टाटा संस और एयर एशिया इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर) था. इसमें टाटा संस की 83.67 फीसदी हिस्सेदारी और एयर एशिया इन्वेस्टमेंट के पास 16.33 फीसदी हिस्सेदारी है. अब शेयर पर्चेज एग्रीमेंट साइन होने के बाद टाटा संस के पास इस एयरलाइन की पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी आ जाएगी.
टाटा की एयर इंडिया पर होगा पूर्ण स्वामित्व
टाटा ग्रुप की इस डील के बाद एयर इंडिया में 100% हिस्सेदारी हो जायेगी. टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने 18,000 करोड़ रुपये में भारत सरकार से एयर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस का अधिग्रहण किया था. इस अधिग्रहण के बाद टाटा संस के पास एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयर एशिया इंडिया और विस्तारा सहित चार एयरलाइंस जायेगी.
क्या बोले एयर एशिया एविएशन ग्रुप के सीईओ
एयर एशिया एविएशन ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बो लिंगम ने कहा कि जब हमने 2014 के बाद से पहली बार भारत में परिचालन शुरू किया तो एयर एशिया ने यहां एक विशाल कारोबार बनाया, जो दुनिया के सबसे बड़े नागर विमानन बाजारों में से एक है. टाटा समूह और मलेशियाई इकाई के स्वामित्व वाली एयर एशिया इंडिया ने जून, 2014 में परिचालन शुरू किया था.