भारत के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है. मेघालय के शिलॉन्ग में बच्चों को भाषण देने के बाद अब्दुल कलाम का 27 july 2015 को निधन हो गया था. आज उनकी पूण्यतिथि है ,उनके विचार आज भी युवाओं को प्रेरणा देते हैं. समाज के सभी वर्गों के लिए सोचने वाले अब्दुल कलाम ने 18 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था. उन्होंने एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में अपना अतुल्य योगदान देकर देश की सेवा की है. आइये जाने उनके बारे में –
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय
भारत के राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में रामेश्वरम में 15 अक्टूबर 1931 को एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम जैनलाब्दीन था जो पेशे से नावों को किराये पर देने और बेचने का काम करते थे. कलाम जी के पिता अनपढ़ थे पर उनके विचार आम सोच से कही उपर थी. वह उच्च विचारों के धनी व्यक्ति थे और अपनी सभी बच्चों को उच्च शिक्षा देना चाहते थे. इनकी माता का नाम असीम्मा था जो एक घरेलू गृहिणी थी.
कलाम ने अपनी आरम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद ने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से 1954 भौतिक विज्ञान में बी0एस0सी की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद 1955 में वह मद्रास चले गये. कलाम जी को लड़ाकू पायलट बनना था जिसके लिए उन्होनें Institute of Technology in Aerospace Engineering में शिक्षा ग्रहण की परन्तु परीक्षा में उन्हें नौवां स्थान मिला जबकि आईएएफ (IAF) ने आठ परिणाम घोषित किये जिसके कारण वह सफल नहीं हो पायें.
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का बने भारत के 11वें राष्ट्रपति
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उनके कार्यों की सफलता और अपनी उपलब्धियों के कारण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने 2002 में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया. अब्दुल कलाम जी ने अपने विरोधी लक्ष्मी सहगल को भारी मतों से हराकर 25 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली.
अब्दुल कलाम ऐसे राष्ट्रपति है जिनको राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न का पुरस्कार मिल चुका है. अब्दुल कलाम से पहले दो और राष्ट्रपति डॉ जाकिर हुसैन और डॉ राधाकृष्णन को यह भारत रत्न का पुरस्कार भी मिल चुका है.
बच्चों से करते थे अत्यधिक प्रेम
अब्दुल कलाम को बच्चो से बड़ा ही लगाव था साल 2007 में अब्दुल कलाम भिवानी भी गए थे. वहां उन्हें गांव कलिंगा में 36 करोड़ का बजट विकास कार्य के लिए उद्घाटन करना था. गांव के पास में ही उनका हेलीकाप्टर उतरने के लिए हेलीपैड बनाया गया था. गांव में हेलीकाप्टर पहुंचने पर वहां के बच्चों में काफी उत्साह था. हेलीकाप्टर से नीचे उतरने के बाद डाक्टर कलाम सीधे बच्चों के पास गए और उनसे हाथ भी मिलाया था.
अब्दुल कलाम की कुछ प्रेरणा दायक बाते
आज उनकी पुण्यतिथि पर मिसाइल मैन को याद करते हुए उनके द्वारा कही हुई कुछ प्रेरणादायक बातों को पढ़ते हैं.
- इंतजार करने वाले को उतना ही मिलता हैं, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं.
- मुझे पूरा यकीन है कि जब तक किसी ने नाकामयाबी की कड़वी गोली न चखी हो, वो कायमाबी के लिए पर्याप्त महत्वाकांक्षा नहीं रख सकता.
- आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं. निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी.
- एक महान लक्ष्य बनाया जाए,
ज्ञान अर्जित किया जाए,
कड़ी मेहनत की जाए,
और दृढ़ रहा जाए - जीवन एक कठिन खेल हैं. आप एक व्यक्ति होने के अपने जन्मसिद्ध अधिकार को बनाये रखकर इसे जीत सकते हैं.
- युवाओं को मेरा सन्देश है कि अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, अपना रास्ता खुद बनायें, असंभव को हासिल करें.
- यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा.
- शिखर पर पहुंचने के लिए सामर्थ्य चाहिए. फिर वो चाहे माउंट एवेरेस्ट का शिखर हो या आपके करियर का.
- जो लोग आधे अधूरे मन से कोई काम करते है उन्हें आधी अधूरी, खोकली सफलता मिलती है जो चारो और कड़वाहट भर देती है.
पहली बार जीत मिलने पर हमें आराम नहीं करना चाहिए. अगर दूसरी बार हार गए तो लोग बोलेंगे कि हमें मिली पहली जीत केवल एक तुक्का थी.
- अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो, तो सबसे पहले सूरज की तरह जलो