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आशा पारेख का नाम भारतीय सिनेमा के 60 के दशक की मशहूर अभिनेत्रियों में गिना जाता है या ऐसा भी कह सकते है की वह दौर आशा पारेख के नाम का माना जाता है आशा पारेख ने अपने फिल्मी करियर में बॉलीवुड की टॉप फिल्मों में बतौर एक्ट्रेस काम किया है. 1959 से 1973 तक आशा पारेख का चेहरा बॉलीवुड की सभी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में दिखाई दिया. आशा पारेख ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत सिर्फ 17 साल की उम्र में की थी जब वह पहली बार शम्मी कपूर के साथ फिल्म दिल दे के देखो में दिखाई दी थीं हम आइये जानते है उनके जीवन की छोटी छोटी पहलुओ के बारे में-
आशा पारेख का जीवन परिचय
मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख का जन्म भारत में 2 अक्टूबर, 1942 को हुआ था. आशा पारेख की माँ का नाम सुधा पारेख था, जो कि एक मुस्लिम थी और उनके पिता का नाम प्राणलाल पारेख था जो कि एक हिन्दू थे. उनके माता और पिता दोनों ही अलग अलग धर्मों से थे, लेकिन फिर भी इनका परिवार साई बाबा का भक्त था. वह एक अकेली बच्ची थी, इसलिए वह अपने माता-पिता के जीवन का केंद्र बन गई. बहुत छोटी सी उम्र से ही उनकी माता जी ने उन्हें डांस सिखाने के लिए विभिन्न डांस इंस्टिट्यूट में उनका दाखिला कराती रहती थी. वे उन्हें एक अच्छी डांसर बनते देखना चाहती थी. बहुत से डांस के शिक्षकों ने उन्हें डांस की तालीम दी, जिनमे से एक डांस के शिक्षक पंडित बंसीलाल भारती का भी नाम है जो बहुत ही उच्च कोटि के डांस शिक्षक थे. इस वजह से आशा जी एक बहुत ही मजी हुई शास्त्रीय नृत्यांगना बन गई.
एक समय जब वो अपनी माँ के साथ ट्रेन में यात्रा कर रही थी, तब उनकी माँ ने देखा कि कुछ यात्री उनकी लाडली के चेहरे के भावों को देखकर आनंदित हो रहे है, तब से उनकी माता जी को यह अहसास हो गया था वो कुछ अलग करेंगी.
आशा पारेख का शुरुआती कैरियर
अभिनेत्री आशा पारेख ने अपने अभिनय की शुरुआत ग्यारह वर्ष की उम्र में बाल कलाकार के रूप में की थी. उन्होने बाल कलाकार के रूप में 1952 में फ़िल्म आसमान में काम किया था. आशा जी आरंभ में स्टेज शो किया करतीं थी और ऐसे ही नृत्य स्टेज शो के ही कार्यकम में उनकों फ़िल्म के मशहुर निर्देशक विमल रॉय जी ने देखा, वो उनके नृत्य को देख कर काफी प्रभावित हुए और उन्होंने उसी समय आशा जी से पूछा कि क्या वह फिल्मों में काम करने के लिए तैयार है, आशा जी का जवाब हाँ था और इस तरह से उनका बॉलीवुड फिल्मों का सफ़र शुरू हुआ.
पहली बार विमल रॉय जी द्वारा निर्देशित फ़िल्म बाप बेटी में आशा जी ने अभिनय किया जो कि 1954 में आई थी. उस वक्त आशा जी बहुत ही छोटी थी उस समय वह 10 वी कक्षा में पढ़ती थी. यह फ़िल्म बहुत ज्यादा नहीं चली और आशा जी को निराशा हाथ लगी.
फिर 17 साल की उम्र में उन्होंने फिल्मों में फिर से अपने अभिनय का हुनर दिखाने के लिए कदम रखा और एक फ़िल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ में उन्होंने दो दिन की शूटिंग की. जिसमे विजय भट्ट ने उन्हें निकाल दिया था. विजय भट्ट ने उन्हें लेने से मना कर दिया साथ ही उन्होंने आशा जी के बारे में ये भी कहा की वो हीरोइन नहीं बन सकती, क्योंकि वो इस काम के लायक नहीं है. जबकि बाल कलाकार के रूप में चैतन्य महाप्रभु में उन्होंने विजय जी के साथ काम किया था. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कोशिश को जारी रखा, और उन्हें सफलता भी मिली. उन्हें 1959 में फ़िल्म निर्माता सुबोध मुखर्जी द्वारा फ़िल्म ‘दिल दे के देखो’ का ऑफ़र मिला जिसका निर्देशन नासिर हुसैन जी कर रहे थे. यह फ़िल्म उस समय की हिट फ़िल्म रही और आशा जी फ़िल्म इंडस्ट्रीज में सफल अभिनेत्री बन गई फिर उनके सफलता का दौर निकाल पड़ा.
आशा पारेख जी के फ़िल्मी सफ़लता का दौर
अपने फ़िल्मी कैरियर में आशा पारेख जी ने कुल 90 फिल्मों में काम किया है उनके फिल्मों के नाम- ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘घराना’, ‘छाया’ जोकि 1961 में आई थी, ‘फिर वही दिल लाया हु’, ‘मेरी सूरत तेरी आँखे’, ‘भरोसा’, ‘बिन बादल बरसात’ जोकि 1963 में आई, ‘बहारों के सपने’, ‘उपकार’ जो कि 1967 में आई थी, ‘प्यार का मौसम’, ‘साजन’, ‘महल’, ‘चिराग’, ‘आया सावन झूम के’ जो 1969 में आई, ‘फिर आई कारवां’, ‘नादान’, ‘जवान मोहब्बत’, ‘ज्वाला’, ‘मेरा गाव मेरा देश’ जो के 1971 में आई थी. इस तरह से आशा जी ने फिल्मों की झड़ी लगा दी.
आशा जी ने उस समय के कई बड़े निर्माता निर्देशक के साथ काम किया था इसके अलावा उन्होंने कई हिट सीरियल्स में नाम किया है, जिनके नाम है ‘पलाश के फूल’, ‘कॉमेडी सीरियल दाल में काला’ और इसके साथ ही ‘बाजें पायल’, ‘कोरा कागज’ है. इन सबके अलावा आशा पारेख जी ने गुजराती, पंजाबी, और कन्नड़ फ़िल्म में भी काम किया है. पंजाबी में उनकी फ़िल्म का नाम कंकड़ दे ओले, जोकि 1971 में आई, गुजराती में उनकी फ़िल्म अखंड सौभाग्यवती बनी थी और कन्नड़ में 1989 में उनकी फ़िल्म आई थी शरावेगदा सरदार.
आशा पारेख की फिल्मे
- 1954 : धोबी डॉक्टर, बाप बेटी, श्री चैतन्य महा प्रभु
- 1956 : अयोध्यापति
- 1957 : उस्ताद, आशा
- 1959 : दिल दे के देखो
- 1960 : घूँघट, हम हिन्दुस्तानी
- 1961 : घराना, छाया, जब प्यार किसी से होता है
- 1962 : अपना बना के देखो
- 1964 : जिद्दी
- 1965 : मेरे सनम
- 1966 : आये दिन बहार के, तीसरी मंजिल, लव इन टोकियो, दो बदन
- 1968 : कही और चल, शिखर, कन्यादान
- 1970 : कंकन दे ओले यह एक पंजाबी फ़िल्म थी, कटी पतंग, नया रास्ता, भाई भाई, पगला कही का, नया रास्ता, आन मिलो सजना
- 1972 : राखी और हथकड़ी, समाधि
- 1973 : हीरा
- 1974 : अनजान राहें
- 1975 : रानी और लाल परी, ज़ख्मी
- 1976 : उधार का सिंदूर
- 1977 : आधा दिन आधी रात
- 1978 : मै तुलसी तेरे आँगन की
- 1979 : बिन फेरे हम तेरे, प्रेम विवाह
- 1980 : सौ दिन सास के, बुलंदी
- 1981 : कालिया, खेल मुक़द्दर का
- 1984 : धर्म और कानून, मंजिल मंजिल, पाखंडी
- 1985 : लावा
- 1986 : कार थीफ
- 1988 : हमारा खानदान, मैं तेरे लिए, सागर संगम, हम तो चले परदेश
- 1989 : बटवारा, हथियार
- 1993 : प्रोफ़ेसर की पड़ोसन
- 1994 : घर की इज्जत, भाग्यवान
- 1995 : आन्दोलन
आशा पारेख की शादी और निजी जीवन
आशा पारेख अपने कैरियर के शुरुआत से ही खुशमिजाज और सक्रिय एक्ट्रेस थीं. आज अपने उम्र के इस पडाव पर भी उसी सक्रियता से डांस एकेडमी चलाती हैं. सामाजिक कार्यो में भी वे अव्वल दर्जे पर भी अपनी उपलब्धी दर्ज कराती है. आशा पारेख एक अभिनेत्री होने के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकारी भी हैं. उनकी सामाजिक कल्याण भावना और सामाजिक कार्यों को देखते हुए उनके नाम पर मुंबई के एक अस्पताल का नाम रखा गया है. इस अस्पताल का नाम आशा पारेख अस्पताल है.
आशा पारेख ने शादी नहीं की, हालांकि उस दौर के फिल्म निर्देशक नासिर हुसैन के साथ उनके अच्छे संबंध थे. माता-पिता की मृत्यु के बाद आशा पारेख पूरी तरह से अकेली रह गई थी, जिसके बाद वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गई थी. और इस मुसीबत के दौरान नासिर हुसैन एक अच्छे दोस्त बन गए और उनका साथ दिया और उन्हें बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद की. नासिर हुसैन ने अपने मित्रता दर्शन और मार्गदर्शन के माध्यम से आशा पारेख को धीरे-धीरे मानसिक तनाव से उबारा. कुछ समय बाद आशा पारेख और नासिर हुसैन भी रिश्ते में आ गए लेकिन नासिर हुसैन की शादी हो गई, जिसके चलते आशा पारेख ने शादी के बारे में बात नहीं की क्योंकि वह उनके घर को नष्ट नहीं करना चाहती थी.
हालाँकि, जब नासिर हुसैन की पत्नी की मृत्यु हुई, तो वह भी पूरी तरह से अकेले पड़ गए, इस दौरान आशा पारेख ने उनसे बात करना चाहा, लेकिन वर्ष 2002 में, नासिर हुसैन जी का निधन हो गया.
आशा पारेख भी एक बच्चे को गोद लेना चाहती थीं लेकिन चिकित्सकीय रूप से बीमार होने के कारण डॉक्टरों ने बच्चे को गोद लेने से मना कर दिया. आशा पारेख ने शम्मी कपूर को अपना पसंदीदा अभिनेता माना, जिनके साथ निर्देशक नासिर हुसैन के निर्देशन में उनकी पहली हिट फिल्म थी. वह शम्मी कपूर को चाचा और उनकी पत्नी को चाची कहकर बुलाती थीं, जिनसे उनका बेहद खास रिश्ता था.
आशा पारेख की पसंदीदा चीजे
पसंदीदा भोजन: फ्राइड फिश, गोयन फिश करी
पसंदीदा अभिनेता: शम्मी कपूर, देव आनंद, दिलीप कुमार
पसंदीदा अभिनेत्री: वहीदा रहमान, हेलेन, सायरा बानो
पसंदीदा निर्देशक: बिमल रॉय, राज खोसला
पसंदीदा गायक: आशा भोसले
आशा पारेख को मिलाने वाले अवार्ड और पुरस्कार
मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख को कई सारे अवार्ड और पुरस्कार मिल चुके है, जो निम्न लिखित है –
- वर्ष 1992 में आशा पारेख को पद्मा श्री अवार्ड का सम्मान मिला.
- वर्ष 2002 में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला.
- वर्ष 2006 में सप्तरंग के सप्ताशी अवार्ड, अन्तराष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी, गुजराती एसोसिएशन ऑफ़ उत्तर अमेरिका के पहले अंतराष्ट्रीय सम्मलेन में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला.
- वर्ष 1971 में इन्हें मूवी कटी पतंग के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्म फेयर अवार्ड मिला.
- भारतीय फ़िल्म उधोग में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय मोशन प्रोडूसर एसोसियसन द्वारा अवार्ड मिला.
- वर्ष 2004 में कलाकार अवार्ड का लाइफ़ टाइम अचीवमेंट सम्मान मिला.
- वर्ष 2007 में पुणे अंतराष्ट्रीय फ़िल्म फेयर सामारोह में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, बॉलीवुड अवार्ड जोकि लाइफ़ टाइम अचीवमेंट के लिया मिला, से सम्मानित हुई.
- Film Federation of India द्वारा अपनी फ़िल्मी सफ़र के लिए गोल्डन जुबली अवार्ड से सम्मानित हुई.
- नासिक इंटर नेशनल फिल्म फेस्टिवल, जयपुर इंटर नेशनल फ़िल्म फेस्टिवल, जागरण फ़िल्म फेस्टिवल, स्टारडस्ट में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- साथ ही सबसे ज्यादा स्टालिश आइकॉन के लिए हिंदुस्तान टाइम्स का अवार्ड भी प्राप्त की.
- वर्ष 2014 में स्टारडस्ट द्वारा लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिय गया. आशाराम अकादमी द्वारा भीष्म अवार्ड मिला 2012 में, नासिक अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में दादा साहेब फाल्के मेमोरियल द्वारा जीवन गौरव पुरस्कार प्राप्त हुआ.
- वर्ष 2011 संस्कृति कल्चर फाउंडेशन की तरफ से संस्कृति कला श्री लाइफ यिमे अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त की.
- ये कई सारे टीवी सीरियल में भी काम कर चुकी है.
आशा पारेख के जीवन का विवाद
उन्होंने एक बार फिल्मों पर सेंसरशिप को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था. शेखर कपूर के “एलिजाबेथ (1998) को साफ़ करने से इंकार करने के कारण उनकी निंदा की गई थी.” हालांकि, आशा ने कहा कि उन्होंने जो भी किया वह कानून के सिद्धांतों के तहत था.
आशा पारेख की कुछ बाते जो चर्चा में रही
- जब उनसे उनके निजी जीवन के बारे में सवाल किया गया था कि क्या कोई विशेष व्यक्ति आपके जीवन में था, तो उनका सीधा सा जवाब था कि मैं एक सामान्य महिला हूँ, मै एक अच्छी अविवाहित युवती भी हो सकती हु लेकिन मै ऐसी नहीं हूँ.
- जब उनसे पूछा गया की अब क्या वो अपने लिए एक अपने परिवार को याद करती है, तो उन्होंने कहा कि हाँ, एक समय था जब मै ये सब चाहती थी, लेकिन अब जब मै बहुत सारे दुसरे शादी शुदा लोगों को देखती हूँ कि वो जबरदस्ती के रिश्तों में बंध कर रिश्तों को ढ़ों रहे है तब मै अच्छा महसूस करती हूँ कि मै इस तरह के किसी भी रिश्तें में नहीं हूँ. और आज पति पत्नी के बीच हो रहे तनाव, बच्चों के लिए तनाव को देखकर मुझे ठेस पहुँचती है.
- उन्होंने साथ ही अपने फिल्मों में काम को न करने की वजह को बताते हुए यह भी कहा कि मेरे लिए कोई भी या किसी भी तरह के भाभी या माँ का रोल नहीं है. मै अपने आप को किसी भी ऐसे व्यक्ति को बचाते हुए नहीं देख सकती जो उस योग्य न हो.
- आशा पारेख जी के ऊपर उनकी बायोपिक फ़िल्म भी बनने जा रही है जिसके बारे में तरह तरह के सवाल उनसे पूछे गए, जब उनसे पूछा गया कि वो अपनी बायोपिक में बतौर अभिनेत्री के रूप में किसे देखना पसंद करेंगी, तो उन्होंने अभी की सबसे मशहुर अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण के नाम लेते हुए कहा कि अगर ये मेरे किरदार को निभाए तो मुझे अच्छा लगेगा.
आशा पारेख को मिला दादा साहब फाल्के अवार्ड
फैंस के दिलों पर 60 से 70 दशक के बीच राज करने वाली अभिनेत्री और फिल्मी जगत की मशहूर अदाकारा आशा पारेख को इस साल दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जिसकी घोषणा 27 सितंबर 2022 को की गई. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी ट्वीट के जरिए दी थी. तीसरी मंज़िल, लव इन टोक्यो, दो बदन, उपकार, कन्यादान, आन मिलो सजना, कटी पतंग, समाधि और मैं तुलसी तेरे आँगन की शामिल जैसी कई ब्लाकबास्टर फिल्मे आशा पारेख ने दी हैं. आपको बता दें कि, ये सम्मान काफी लंबे समय बाद किसी एक्ट्रेस को दिया जा रहा है. कई हिंदी फिल्मों में अपने बेहतरीन किरदार के लिए जानी जाने वाली आशा पारेख को इस साल 52वें दादा साहेब फाल्के अवार्ड 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दिया गया है. आपको बताते चले कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के अवार्ड 2020 से सम्मानित किया है. यह अवार्ड भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान होता है.
आशा पारेख वर्ष 2022 में
एक पत्रकार खालिद मोहम्मद जो कि आशा पारेख के दोस्त है, द्वारा आशा पारेख द्वारा ऑटो बायोग्राफी लिखी गयी है, जिसका नाम है “द हिट गर्ल’. जिसको बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने रिलीज किया है. आशा पारेख जी के साथ सलमान खान के रिश्ते हमेशा से ही पारिवारिक रहे है. आज भी आशा पारेख जी सलमान खान के पिता और हेलेन की बहुत करीबी दोस्त है. आशा जी जब कभी भी अकेली रहती है तो वो अपनी सबसे अच्छी दोस्तों के साथ समय बिताना चाहती है. साधना जी, नन्दा, शम्मी कपूर और ये सभी उनके अच्छे और पुराने दोस्त है. जो आज भी साथ होते तो उस दौर के दिनों को याद करते है.
FAQ
Q- आशा पारेख का जन्म कब हुआ?
Ans- आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को हुआ था.
Q– आशा पारेख के पति का क्या नाम है?
Ans- आशा पारेख ने कभी शादी नहीं की, हालांकि उनका रिश्ता हिंदी फिल्म निर्देशक नासिर हुसैन के साथ था.
Q– आशा पारेख दादासाहेब फाल्के पुरस्कार की प्राप्तकर्ता कौन सी महिला है?
Ans- आशा पारेख दादा साहब फाल्के पुरस्कार पाने वाली सातवीं महिला हैं. फिल्म इंडस्ट्री में उनके अलावा लता मंगेशकर आशा भोसले समेत कलाकारों को यह सर्वोच्च पुरस्कार मिल चुका है.
Q-आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार कब मिला?
Ans-आशा पारेख को 30 सितंबर 2022 को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. इसकी घोषणा 27 सितंबर 2022 को की गई थी.
Q-आशा पारेख को कौन से पुरस्कार मिले हैं?
Ans-आशा पारेख को पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया है. इसके अलावा उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड, लिविंग लीजेंड वार्ड और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. इस साल आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा जाएगा.
Q- क्या आशा पारेख की शादी हुई थी?
Ans- आशा पारेख ने शादी नहीं की है.