जब भी कोई मूवीज आयुष्मान खुराना की आने वाली होती है | लोग यह सोचने लगते है की इस बार क्या नया होने वाला है | आज (27 मई) को आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘अनेक’ सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म का ट्रेलर इसी महीने रिलीज हुआ था जिसे काफी पसंद किया गया था।
आयुष्मान खुराना कहते हैं कि फिल्म ‘अनेक’ को बॉक्स ऑफिस की कसौटी पर उस तरह नहीं कसा जाना चाहिए जैसे बाकी कमर्शियल फिल्मों के साथ होता है। लेकिन, फिल्म ‘अनेक’ का ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना जरूरी है। फिल्म ‘अनेक’ इस समय का सच है।
‘द कश्मीर फाइल्स’ के सुपरहिट होने और ‘द केरला स्टोरी’ के रिलीज होने के बीच फिल्म ‘अनेक’ देश की तस्वीर का एक ऐसा पहलू है जिसके बारे में बात होना जरूरी है। अभिनेता आयुष्मान खुराना और निर्देशक अनुभव सिन्हा ने फिल्म ‘आर्टिकल 15’ के बाद ये एक और फिल्म बनाकर अपने लिए तो एक नई लकीर खींची ही है, ये लकीर हिंदी सिनेमा की तकदीर की भी नई लकीर बन सकती है।
अनेक फिल्म की कहानी
इस फिल्म में आयुष्मान खुराना, जोशुआ नाम के एक अंडर कवर एजेंट की भूमिका में हैं | जोशुआ नॉर्थ ईस्ट इंडिया के अलगाववादी ग्रुप्स और उनकी हरकतों पर नजर रखता है | ‘अनेक’ की कहानी एक अलगाववादी समूह के साथ नॉर्थ ईस्ट में शांति संधि पर बातचीत करने के प्रयासों पर आधारित है, एक ऐसी प्रक्रिया जो बिना किसी निष्कर्ष के दशकों से चली आ रही है।
फिल्म में सरकार अलगाववादी ताकतों और नॉर्थ ईस्ट के सबसे बड़े संगठन के लीडर टाइगर सांगा के साथ एक शांति वार्ता की तैयारी कर रही है | ऐसे में जोशुआ का काम है, जॉनसन नाम के एक्टिव हुए अलगाववादी ग्रुप को काबू में रखना, ताकि शांति वार्ता उसकी वजह से खराब ना हो | जोशुआ को यह काम दिमाग से करना था, लेकिन चीजें तब बड़ा मोड़ ले लेती हैं जब वह अपना दिल लोगों और चीजों के साथ लगा लेता है |
दूसरी तरफ है एक यंग बॉक्सर आइडो (एंड्रिया केवीचुसा) जो भारतीय टीम में शामिल होकर अपनी सोच और मांगों को आवाज देना चाहती है |आइडो सोचती है कि अगर वो अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए खेलेगी तो उसे अपनी बात बड़े लोगों तक पहुंचाने का मौका मिलेगा |लेकिन आइडो के घर में ही उसका पिता वांगनाओ सरकार के खिलाफ है | वांगनाओ और आइडो अपने हिसाब से अपनी-अपनी लड़ाइयां लड़ रहे हैं | ऐसे में जीत किसकी होगी, ये देखने वाली बात है |