दिवाली का त्यौहार बीत चुका है और अब इसके बाद छठ पूजा का महापर्व प्रारंभ होता है. मुख्य रूप से छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है, जिसमें प्रात:काल में भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पारण करके व्रत को पूरा करते हैं. लेकिन छठ पूजा एक दिन नहीं बल्कि चार दिवसीय उत्सव है. छठ पूजा का महापर्व नहाय खाय से प्रारंभ होता है और समापन प्रात:कालीन सूर्य को अर्घ्य देकर होता है. दिवाली के त्यौहार के साथ साथ इस महापर्व की तैयारी महिलाओ द्वारा शुरू हो जाती है. छठ पूजा में निर्जला व्रत रखकर छठी मैय्या और भगवान सूर्य की पूजा करते हैं. यह बहुत ही कठिन व्रत माना जाता है. छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुबई समेत देश के अनेक छोटे-बड़े शहरों में मनाया जाता है.
छठ पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त
छठ पूजा पहला दिन-नहाय-खाय 28 अक्टूबर 2022 दिन शुक्रवार
छठ पूजा का आरंभ 28 अक्टूबर 2022 से होगी. पहले दिन यानी 28 अक्टूबर को नहाय खाय होगा. इस व्रत में साफ-सफाई का खास ख्याल रखना होता है. इसलिए नहाय खाय के दिन महिलाएं नहाने के बाद घर की साफ-सफाई करती हैं. नहाय खाय के दिन हर घर में चने की दाल, लौकी की सब्जी और भात प्रसाद के रूप में बनता है. इन भोजन में सेंधा नमक का ही उपयोग किया जाता है.
शुभ मुहूर्त और शुभ समय
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 30 मिनट पर
सूर्योस्त: शम 05 बजकर 39 मिनट पर
शोभन योग: प्रात:काल से देर रात 01 बजकर 30 मिनट
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजकर 30 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक
रवि योग: सुबह 10 बजकर 42 मिनट से अगली सुबह 06 बजकर 31 मिनट तक
छठ पुजा दूसरा दिन
लोहंडा और खरना 29 अक्टूबर 2022 , दिन शनिवार
छठ महापर्व के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है. इस बार खरना 29 अक्टूबर को पड़ रहा है. इस दिन व्रती महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाती हैं. उसे रात में ग्रहण करती हैं जिसके बाद इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. इसके बाद से 36 घंटे का व्रत शुरू हो जाता है.
शुभ मूहूर्त और शुभ समय –
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 31 मिनट पर
सूर्योस्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
रवि योग: सुबह 06 बजकर 31 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक
सुकर्मा योग: रात 10 बजकर 23 मिनट से अगली सुबह तक
छठ पूजा का तीसरा दिन
छठ पूजा का संध्या अर्घ्य: 30 अक्टूबर 2022, रविवार
छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. व्रती महिला और पुरुष नदी, तालाब या फिर घर में ही पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं.
शुभ मुहूर्त और शुभ समय
सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
सुकर्मा योग: प्रात: काल से शाम 07 बजकर 16 मिनट तक
धृति योग: शाम 07 बजकर 16 मिनट से अगली सुबह तक
रवि योग: सुबह 07:26 बजे से अगले दिन सुबह 05:48 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:31 बजे से सुबह 07:26 बजे तक
छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन
छठ पूजा का प्रात: अर्घ्य 31 अक्टूबर 2022 , सोमवार
चौथे दिन व्रती पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद छठ पूजा का समापन होता है. फिर व्रत का पारण किया जाता है.
शुभ मुहूर्त और शुभ समय
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 32 मिनट पर
सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रात: 05:48 बजे से सुबह 06:32 बजे तक
त्रिपुष्कर योग: प्रात: 05:48 बजे से सुबह 06:32 बजे तक
छठ पूजा का महत्व (Chhath Puja Significance)
छठ पर्व श्रद्धा और आस्था से जुड़ा होता है। जो व्यक्ति इस व्रत को पूरी निष्ठा और श्रद्धा से करता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है. छठ व्रत, सुहाग, संतान, सुख-सौभाग्य और सुखमय जीवन की कामना हेतु किया जाता है. मान्यता है कि आप इस व्रत में जितनी श्रद्धा से नियमों और शुद्धता का पालन करेंगे छठी मईया आपसे उतनी ही प्रसन्न होंगी.