भारत में हर साल 14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाता है. क्योंकि पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चे अत्यधिक प्रिय थे. बाल दिवस पर बच्चो द्वारा स्कूलों में भिन्न भिन्न कार्यकम जैसे कि खेल-कूद, वाद विवाद गोष्ठियां, अन्ताक्षरी , नृत्य संगीत, निबंध, भाषण, चित्रकला कराये जाते है. छात्र और छात्राए इन कार्यकमो में भाग लेते है और अच्छे और भाषण के जरिये इनाम जीतना चाहते है. आइये हम आपको बताते है कि कैसे अच्छी स्पीच तैयार कर सकते है.
- भाषण में पं. जवाहर लाल नेहरू के असाधारण जीवन के बारे में बता सकते हैं.
- आज बाल दिवस का क्या महत्व है? बता सकते हैं.
भाषण तैयार करते वक्त रखे इन बातो का ध्यान
- बाल दिवस 14 नवंबर क्यों मनाया जाता है यानि की इस दिन के इतिहास का संक्षिप्त रूप बताकर आप भाषण की शुरुआत कर सकते है
- शुरुआत सबसे दिलचस्प बातों से करें.
- भाषण को संक्षिप्त रखे क्योंकि लंबे समय तक सुनने वालों का ध्यान खींचकर रखना मुश्किल होता है.
- अपने भाषण में ऐसे शब्द को ना लाये जो छात्रों को याद न रहे, बल्कि आसान शब्दों का इस्तेमाल करें ताकि छात्र उसे अच्छे से समझ सके
- वर्तमान में बच्चों के हो रहे मानसिक, सामाजिक और शारीरिक शोषण व उससे बचाव के रास्तों पर बात कर सकते हैं.
- स्पीच देने से पहले कई बार उसकी प्रैक्टिस करें.
- स्पीच का अंत ऐसे वाक्य से करें जो सुनने वालों को याद रह जाएं.
- अंत में कोई कविता, शायरी या जवाहर लाल नेहरू के प्रेरणादायक वाक्य बता सकते हैं
बाल दिवस पर दे ये भाषण
सबसे पहले, आज बाल दिवस को मनाने के लिए यहां उपस्थित सभी को मेरा सुप्रभात.
पंडित जवाहर लाल नेहरू हमेशा बच्चों को पसंद करते थे और हमेशा बिना किसी व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय, पारिवारिक और वित्तीय जिम्मेदारी के उचित बचपन के समर्थक थे क्योंकि वे राष्ट्र के भविष्य और देश के विकास के लिए भी जिम्मेदार थे. बचपन जीवन का सबसे अच्छा चरण होता है जिसे सभी के लिए स्वस्थ्य और खुशियों से भरा होना चाहिए ताकि वे आगे अपने राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए तैयार रहें. यदि बच्चे मानसिक और शारीरिक रुप से अस्वस्थ्य होगें तो वे राष्ट्र के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान नहीं दे सकेंगे. इसलिए जीवन में बचपन की अवस्था सबसे महत्वपूर्ण चरण होती है जिसमें सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को प्यार, देखभाल और स्नेह से पोषित करना चाहिए. देश का नागरिक होने के नाते, हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुये राष्ट्र के भविष्य को बचाना चाहिए.
धन्यवाद.
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आदरणीय प्रिंसिपल सर, शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तों
सबसे पहले मैं आपको बाल दिवस की शुभकामनाएं देता हूं/देती हूं आज हम सभी यहां बाल दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं. सबसे पहले मैं आपको बताता हूं कि 14 नवंबर को बाल दिवस क्यों मनाया जाता है? दोस्तों, 14 नवंबर को महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है. जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे. बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू के नाम से बुलाते थे. इसलिए उनके सम्मान में हर वर्ष 14 नवंबर यानी उनकी जयंती को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है.पंडित नेहरु कहते थे- ‘आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे. बच्चे ही इस देश का भविष्य है, इसलिए ये जरूरी है कि उनकी शिक्षा एवं कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जाए. हम जितनी बेहतर तरह से बच्चों की देखभाल करेंगे राष्ट्र निर्माण भी उतना ही बेहतर होगा.’
बाल दिवस समारोह का आयोजन देश के भविष्य के निर्माण में बच्चों के महत्व को बताता है. बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य सम्पत्ति होने के साथ ही भविष्य और कल की उम्मीद हैं, इसलिए उन्हें उचित देखरेख और प्यार मिलना चाहिए.
भारत के आजाद होने के बाद बच्चों के विकास, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं. लेकिन आज भी बहुत से बच्चों को उनका अधिकार नहीं मिल पाता है. बाल दिवस का अर्थ पूर्ण रुप से तब तक सार्थक नहीं हो सकता, जब तक हमारे देश में हर बच्चे को उसके मौलिक बाल अधिकारों की प्राप्ति ना हो जाए. बाल शोषण और बाल मजदूरी का पूरी तरह से खात्मा होना चाहिए. आर्थिक कारणों से कोई बच्चा शिक्षा पाने से वंचित नहीं रहना चाहिए. बाल कल्याण के लिए चल रही सभी योजनाओं का लाभ बच्चों तक पहुंचना चाहिए. बाल दिवस के अवसर पर हम सब को मिलकर बाल अधिकारों के प्रति जागरुकता फैलानी चाहिए.
बाल दिवस और चाचा नेहरू पर मेरे विचारों को आपने सुना, इसके लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद। भारत माता की जय। जय हिन्द।