हिंदी सिनेमा की 60 और 70 के दशक की बेहतरीन अदाकारा आशा पारेख को इस वर्ष 30 september को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जायेगा. हिंदी फिल्म जगत उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा.
इस बात की घोषणा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने की है. आशा पारेख एक ऐसी अभिनेत्री है जिन्होंने कई वर्षो तक हिंदी सिनेमा पर राज किया और उनका नाम उस ज़माने की टॉप एक्ट्रेस में गिना जाता था. वे कटी पतंग, तीसरी मंजिल, आया सावन झूम के, लव इन टोकियो जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में नजर आईं. इससे पहले उन्हें सिनेमा जगत में अपने बेहतरीन योगदान के लिए वर्ष 1992 में, भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
टेलीविजन धारावाहिकों का निर्देशन और निर्माण करने के लिए आशा ने 1995 में अभिनय से रिटायरमेंट ले लिया. पारेख को 2002 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवाॅर्ड मिला. इसके अलावा भी उन्हें कई लाइफटाइम अचीवमेंट अवाॅर्ड मिले: 2004 में कलाकर अवाॅर्ड; 2006 में अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार; 2007 में पुणे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह पुरस्कार; और 2007 में लॉन्ग आइलैंड, न्यूयॉर्क में नौवां वार्षिक बॉलीवुड पुरस्कार। इतना ही नहीं, उन्हें फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) से लिविंग लीजेंड अवाॅर्ड भी मिल चुका है.
आशा पारेख का जीवन परिचय
बेहतरीन अदाकारा आशा पारेख का जन्म भारत में 2 अक्टूबर, 1942 को एक हिंदू पिता, प्राणलाल पारेख और एक मुस्लिम माँ सुधा पारेख के मध्यवर्गीय गुजराती परिवार में हुआ था. अपने माता-पिता की वह एक अकेली सन्तान थी जो उनके जीवन का केंद्र बन गई. उनकी माँ ने उन्हें कम उम्र में शास्त्रीय नृत्य कक्षाओं में दाखिला लिया, और आशा ने नृत्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जहाँ उन्होंने स्टेज शो में प्रदर्शन किया. प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक बिमल रॉय ने एक मंच समारोह में उनके नृत्य को देखा और मां (1952) में दस वर्ष की उम्र में उन्हें कास्ट किया. 10 साल की उम्र में वो ‘मां’ फिल्म में नजर आईं इसके बाद ‘बाप बेटी’ में भी उन्हें काम करने का मौका मिला.
आशा पारेख ने कभी शादी नहीं की थी लेकिन उनके और निर्देशक नासिर हुसैन के अफेयर की खूब चर्चाएं हुईं. नासिर हुसैन आमिर खान के चाचा हैं. नासिर हुसैन से शादी नहीं हो पाने की बात पर आशा पारेख ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो नहीं चाहती थीं कि नासिर हुसैन कभी भी अपने परिवार से अलग हों, इस वजह से उन्होंने शादी नहीं की. आशा पारेख की छवि एक ऐसी अभिनेत्री की है जिस तक पहुंचना या मिलना आसान काम नहीं है और शायद इसीलिए किसी ने कभी भी उनका हाथ नहीं मांगा.