दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद लिया हैं. माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर अब मस्क का हो चुका है. इसकी कमान संभालते ही मस्क ने सबसे पहला काम ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल और कानूनी मामलों के कार्यकारी अधिकारी विजय गड्डे समेत कई शीर्ष अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का काम किया है. रिपोर्ट्स की मानें तो पराग अग्रवाल ट्विटर से खाली हाथ नहीं जाएंगे. उनके हाथ एक अच्छी खास रकम आने वाली है. सौदे के एक हिस्से के रूप में, पराग अपने अनिवेशित इक्विटी अवॉर्ड्स का 100% निवेश करेंगे
पराग अग्रवाल ने क्या कहा था
ट्विटर से बाहर किए गए भारतीय मूल के पराग अग्रवाल आरंभ से ही एलन मस्क के खिलाफ मुखर रहे थे. मस्क की ओर से ट्विटर के लिए बोली लगाने के बाद से ही कंपनी के सीईओ पराग अग्रवाल के साथ उनकी नोकझोंक चल रही थी. एलन मस्क के ट्विटर को खरीदने का प्रस्ताव देने के बाद पराग अग्रवाल ने कई ऐसे बयान दिए थे, जिनसे दोनों के बीच तनातनी साफ उजागर हुई थी. पराग अग्रवाल ने डील की घोषणा के तुरंत बाद कर्मचारियों से टाउनहाल में कहा था, ‘कंपनी का भविष्य अब अंधेरे में हैं, पता नहीं यह किस दिशा में जाएगी.
Parag Agarwal के इस बयान के बाद से ही अंदाजा लगाया जा रहा था कि क्या ट्विटर से उनकी छुट्टी हो जाएगी? और हुआ भी कुछ ऐसा ही शुक्रवार 28 अक्टूबर 2022 को आखिरकार एलन मस्क ने ट्विटर डील (Twitter Deal) पूरी की और एक्शन मोड में आते ही एलन मस्क ने सबसे पहले पराग अग्रवाल को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
ट्विटर से निकाले जाने पर पराग अग्रवाल को मिलेगे इतने रुपये
ट्विटर में बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों को पद संभालने के साथ ही उन्हें कंपनी के कुछ शेयर भी दिए जाते हैं. इसी प्रकार जब पराग ट्विटर के CEO बने थे तो उनके नाम भी शेयर किए गए थे. अब जब उन्हें ट्विटर से निकाला जा रहा है तो एलन मस्क को उन्हें भारी रकम चुकानी होगी. खबरों के मुताबिक,पराग अग्रवाल को करीब 42 मिलियन डॉलर (346 करोड़ रुपये) का भुगतान किया जाएगा.
एलन मस्क ने ट्वीट कर कहा
ट्विटर की डील अपने नाम करने के बाद आज शुक्रवार सुबह एलन मस्क ने एक ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि,”पक्षी मुक्त हो गया है.” वहीं इससे पहले कल उन्होंने अपना ट्विटर बायो चेंज करके ‘चीफ ट्विट’ में बदल दिया था.
सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़
एलन मस्क की इस डील के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स के मीम्स की बाढ़ आ गई है. यूजर्स का कहना है कि दुनिया की सबसे बड़ी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के सीईओ की नौकरी की यह हालत है तो आम आदमी को कौन पूछता है. कई यूजर्स कह रहे हैं कि प्राइवेट नौकरी में बड़े खतरे हैं रे बाबा, सरकारी की तैयारी करो.
एक साल भी नहीं हुआ था सीईओ बने
पिछले साल नवंबर में कंपनी के सह-संस्थापक जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद पराग को ट्विटर का सीईओ नियुक्त किया गया था. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे और स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुके अग्रवाल ने एक दशक से अधिक समय पहले ट्विटर में नौकरी शुरू की थी. उस समय कंपनी में 1,000 से भी कम कर्मचारी हुआ करते थे.