अगर आपके पास भी बचत खाता है और आप भी इस खाते में अपने पैसे फिक्स्ड डिपॉजिट करते हैं तो आपके लिए ये खबर बड़े काम की है दरअसल आर बी आई में एफ डी के नियमो में कुछ परिवर्तन किया है. हालाँकि आरबीआई ने कुछ समय पहले एफडी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था और ये नए नियम प्रभावी भी हो गए हैं. आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के फैसले के बाद कई सरकारी और गैर सरकारी बैंकों ने भी एफडी पर ब्याज दरें बढ़ानी शुरू कर दी हैं. इसलिए अगर एफ डी करने की सोच रहे है तो आप एक बार इस आर्टिकल को जरुर पढ़ ले.
RBI ने क्या नोटिस जारी किया
रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर फिक्स्ड डिपॉजिट पूरा हो गया है और धन राशि का भुगतान नहीं हो पाता है तो उस पर ब्याज दर सेविंग्स अकाउंट के हिसाब से या मैच्योर्ड FD पर निर्धारित ब्याज दर, जो भी कम हो वो दी जाएगी. ये नया नियम सभी कमर्शियल बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होंगे.
क्या होगा इस नियम का अर्थ
चलिए आर बी आई के इस नए एफ डी नियम को हम आपको एक उदाहरण के जरिये समझाते है मान लीजिए आपने 5 साल में पूरा होने वाला FD करवाया है, जो अब मैच्योर यानि पूरा हुआ है, लेकिन आपको इसमें से पैसा नही निकाल रहे हैं तो इस पर दो परिस्थितियां होंगी. अगर FD पर मिल रहा ब्याज उस बैंक के सेविंग अकाउंट पर मिल रहे ब्याज से कम है, तो आपको FD वाला ब्याज ही मिलता रहेगा. अगर FD पर मिल रहा ब्याज सेविंग अकाउंट पर मिल रहे ब्याज से ज्यादा है, तो आपको सेविंग अकाउंट पर मिल रहा ब्याज मैच्योपरिटी के बाद मिलेगा.
एफ डी का पहले नियम क्या था?
इस नियम के आने से पहले जब आपकी एफडी पुरी हो जाती थी और तब अगर आप उसे निकालते या क्लेम नहीं करते थे तो बैंक आपकी एफडी को पहले की गई अवधि के हिसाब से बढ़ा देता था. लेकिन अब ऐसा बिलकुल भी नहीं होगा. लेकिन अब एफ डी के पूरा होने पर पर पैसा नहीं निकाला तो उस पर एफडी का ब्याज नहीं मिलेगा. इसलिए बेहतर होगा मेच्योरिटी के तुरंत बाद पैसा निकाल लें