गौतम अडानी दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रईस बन गए हैं. अब दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट में एलन मस्क के बाद अब गौतम अडानी ही हैं. फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार उन्होंने यह मुकाम दूसरे स्थान पर रहे बर्नार्ड अर्नाल्ट को पीछे छोड़कर हासिल किया है. दोनों के बीच दूसरे नंबर के लिए कड़ा मुकाबला चल रहा है. कभी अदाणी आगे निकल रहे हैं तो कभी बर्नार्ड अर्नाल्ट. वहीं ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार गौतम अदाणी तीसरे नंबर पर बने हुए हैं.
गौतम अदाणी के पास कितनी संपत्ति?
ब्लूमबर्ग के अरबपति सूचकांक के अनुसार 60 साल के गौतम अदाणी की नेटवर्थ (कुल संपत्ति) 154.7 अरब डॉलर है. बर्नार्ड अर्नाल्ट की संपत्ति भी 153.8 अरब डॉलर है. वहीं लिस्ट में पहले स्थान पर काबिज टेस्ला के प्रमुख व दुनिया के सबसे धनी एलन मस्क की नेटवर्थ 273.5 अरब डॉलर है, जबकि, अमेजन के संस्थापक व सीईओ जेफ बेजोस की 149.7 अरब डॉलर है.
साल 2022 में लगातार बढ़ी है अदाणी की संपत्ति
अदाणी समूह की नेटवर्थ 2022 में लगातार बढ़ी है. गौतम अदाणी दुनिया के टॉप-10 अमीरों की सूची में गौतम अदाणी और एलन मस्क ही ऐसे व्यक्ति हैं, जिनकी दौलत पिछले 24 घंटे के दौरान बढ़ी है. इस दौरान अदाणी की नेटवर्थ में 4.9 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई. इस साल जनवरी से अब तक अदाणी की संपत्ति में 60.9 अरब डॉलर से अधिक का इजाफा हुआ है.
अडानी की दौलत का बड़ा हिस्सा अडानी समूह के पास सार्वजनिक हिस्सेदारी से प्राप्त होता है, जिससे उन्होंने इसकी स्थापना की थी. मार्च 2022 स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी पावर और अडानी ट्रांसमिशन में उनके पास 75% हिस्सेदारी है. वह अडानी टोटल गैस का लगभग 37%, अडानी पोर्ट्स और विशेष आर्थिक क्षेत्र का 65% और अडानी ग्रीन एनर्जी का 61% मालिक हैं. ये सभी कंपनियां सार्वजनिक रूप से कारोबार करती हैं और अहमदाबाद में स्थित हैं.
कैसे बढ़ी गौतम अदानी की संपत्ति
गौतम अदानी की संपत्ति में बढ़ोतरी के पीछे की वजह शेयर बाजार में सूचीबद्ध उनकी कंपनियों के शेयरों की कीमत में तेजी आना है. पिछले एक साल की बात करें, तो अडानी एंरप्राइजेज, अडानी पावर और अडानी ट्रांसमिशन और अडानी टोटल गैस के शेयरों के दाम 100 फीसदी से अधिक बढ़ चुके हैं.
अडानी की कहानी
मशहूर बिजनेस मैन गौतम अडानी का जन्म गुजरात में हुआ था. कॉलेज छोड़ने के बाद किशोरावस्था में ही वह मुंबई चले गए और उन्होंने हीरा कारेाबार में काम किया. उन्होंने व्यापार में विश्व स्तर पर अपनी शुरुआत अपने भाई के प्लास्टिक व्यवसाय के लिए पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) के आयात के साथ की. 1988 में उन्होंने वस्तुओं के आयात और निर्यात के लिए एक कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज की स्थापना की.
1994 में गुजरात सरकार से मुंद्रा पोर्ट पर अपने स्वयं के कार्गो को संभालने के लिए एक बंदरगाह सुविधा स्थापित करने की मंजूरी ली. परियोजना में क्षमता को देखते हुए अडानी ने इसे एक कामर्शियल बंदरगाह में बदलने का फैसला किया. उन्होंने भारत में सबसे बड़ा बंदरगाह बनाने के लिए पूरे भारत में 500 से अधिक लैंडलार्ड के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत करके रेल और सड़क संपर्क बनाया. अडानी ने 2009 में बिजली उत्पादन में प्रवेश किया. 1997 में डाकुओं द्वारा अरबपति अडानी को फिरौती के लिए अगवा कर लिया गया था. जब आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया तो अडानी ताज होटल में बंधकों के बीच बंधक थे.