क्या आप गूगल में नौकरी करने का सपना देख रहे हैं और वैकेंसी का इंतजार कर रहे हैं. इस साल गूगल कितनी नौकरियां निकालेगा? दुनिया में अगले साल मंदी आने वाली है या नहीं इस बात का तो पता नहीं, लेकिन बड़ी-बड़ी कंपनियों को मंदी का डर सताने लगा है. मेटा कंपनी के बाद अब गूगल नें भी भर्ती में कमी करने का फैसला लिया है
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के CEO सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी है. पिचाई ने कहा है कि कंपनी भर्तियों की रफ्तार कम करेगी. आवश्यक सेवाओं के लिए भर्तियां जारी रखेगी। ईमेल में कहा है कि 2022 और 2023 में कंपनी का फोकस सिर्फ इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी एनालिसिस और खास पदों पर कर्मचारियों की भर्ती करने पर है।
गूगल की भर्ती प्रक्रिया में होगी कमी
2022 के पहले पार्ट में कंपनी भर्ती का कोटा पूरा कर लिया है. सुंदर पिचाई ने कहा है दूसरी तिमाही में ही हम गूगल में 10 हजार कर्मचारियों की भर्ती कर चुके हैं. इस साल भर्ती का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है. इसलिए बचे दिनों के लिए भर्ती प्रक्रिया थोड़ा स्लो करना का फैसला लिया गया है. उन्होंने ये साफ कहा है कि गूगल को भी अब आर्थिक मंदी आती दिखाई दे रही है.
आर्थिक मंदी से गूगल भी अछूती नहीं
सुंदर पिचाई ने ईमेल में लिखा है कि, “अन्य कंपनियों की तरह हम भी आर्थिक प्रतिकूलताओं से अछूते नहीं हैं. अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की हम अनदेखी नहीं कर सकते. हमने हमेशा ऐसी चुनौतियों को बाधाओं के रूप में नहीं बल्कि इनको अवसर के रूप में देखा है. वर्तमान परिस्थितियों को भी हम अवसर में बदलेंगे.”
किन क्षेत्रो में होगी भर्ती
पिचाई ने कहा कि 2022 और 2023 में कंपनी का फोकस इंजीनियरिंग, टेक्निकल और अन्य जरूरी सेवाओं में ही कर्मचारियों की भर्ती करने पर रहेगा। पिचाई ने ईमेल में लिखा है कि दूसरी तिमाही में ही हम गूगल में 10,000 कर्मचारी जोड़ चुके हैं। तीसरी तिमाही में भी हमारा इरादा कर्मचारियों की भर्ती करने का है और इसका पता हमारे कॉलेज रिक्रूइटिंग कैलेंडर से चलता है। पिचाई ने कहा कि इस साल का भर्तियों का लक्ष्य हमने लगभग पूरा कर लिया है, इसलिए हम इस साल के बाकी बचे दिनों के लिए भर्ती प्रक्रिया को धीमा कर रहे हैं।
सुंदर पिचाई की इस ईमेल से साफ है कि गूगल को भी अब आने वाले दिनों में आर्थिक मंदी आती दिखाई दे रही है। इसलिए अब कंपनी ने उन डिपार्टमेंट्स के लिए ही कर्मचारी रखने का फैसला किया है जिनमें कर्मचारियों की पूरी संख्या के बिना काम नहीं चल सकता. सुंदर पिचाई ने अपने ईमेल की शुरूआत ही अनिश्चित वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण के तहत मंदी की चिंताओं को दिमाग में सबसे ऊपर रखने की बात के साथ की है.