वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के लिए दायर याचिका पर सोमवार से नियमित सुनवाई शुरू हुई. सोमवार को सुनवाई के बाद वाराणसी कोर्ट ने मामले को 12 जुलाई को सुनवाई के लिए तय किया है. अवकाश के दिन को छोड़ रोज सुनवाई होने से दस दिनों में फैसला आ सकता है.
इसके बाद 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सोमवार से शुरू हो रही सुनवाई को लेकर हलचल बढ़ गई है. गर्मी की छुट्टी से पहले इस मामले में सुनवाई हो रही थी. वाराणसी कोर्ट ने इस मामले को 4 जुलाई से सुनने का निर्णय लिया.इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का मामला खूब गरमाया हुआ था. ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाने में शिवलिंग मिलने के मामले को लेकर देश भर में चर्चा शुरू हुई.
12 जुलाई को वाराणसी कोर्ट करेगी सुनवाई
ज्ञानवापी मामले की सोमवार को होने वाली सुनवाई पूरी हो गई. अब यह सुनवाई 12 जुलाई को पूरी होगी. इस दिन केस में पोषणीयता पर बड़ा फैसला आ सकता है. सोमवार को सुनवाई के क्रम में मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की ओर पेश किए गए 52 में से 51 बिंदुओं पर अपनी दलील पेश कर दी.
अब 12 जुलाई को होने वाली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों के बीच जिरह के बाद कोर्ट फैसला सुना सकता है.ज्ञानवापी मस्जिद में माता श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग को लेकर दर्ज किए गए केस की पोषणीयता पर फैसला आना है.
ज्ञानवापी सर्वे
20 मई को, सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने मामले की संवेदनशीलता के कारण सिविल जज (सीनियर डिवीजन) वाराणसी से ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर मुकदमा जिला जज को स्थानांतरित कर दिया. एक हिंदू मंदिर में पूजा करने के लिए हिंदू महिलाओं के एक समूह द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, वाराणसी की एक अदालत ने गुरुवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण की अनुमति दी. मस्जिद का वीडियो सर्वे जारी रखने के दिशा-निर्देश वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने जारी किए थे और आगे 17 मई तक इसका आयोजन करने की घोषणा की गई थी.
इससे पहले 18 अप्रैल, 2021 को दिल्ली की महिलाओं के एक समूह ने अपनी याचिका के साथ अदालत का रुख किया था और विरोधियों को मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से रोकने की भी मांग की थी। 26 अप्रैल को वाराणसी के सिविल जज की अदालत ने ईद के बाद काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर और अन्य जगहों के एडवोकेट कमिश्नर को वीडियोग्राफी कराने और 10 मई तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया।