पूरे उत्तर भारत में गर्मियों ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है | धूप इतनी तेज हो चुकी है, कि दोपहर के समय बाहर निकलना मुश्किल हो गया है | अप्रैल और मई में जून के महीनों सी गर्मी हो गयी है | और इसके साथ-साथ गर्म सूखी हवाएं चल रही हैं, जिन्हें लू (Loo or Heat Wave) कहा जाता है। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक इन गर्म हवाओं के संपर्क में रहता है, तो उसका चेहरा, सिर व शरीर के अन्य हिस्से इससे प्रभावित हो जाता हैं और इसी स्थिति को लू लगना कहा जाता है। लू के मौसम में कुछ सावधानियां बरतकर खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है।
लू लगने के लक्षण
- शरीर का तापमान अत्यधिक (101 डिग्री फारेनहाइट या उससे ऊपर) बढ़ जाना | और तापमान बढ़ने के साथ-साथ बार-बार पानी मांगना |
- अधिक पसीने आना
- मतली और उल्टी
- मांसपेशियों में दर्द
- सिर दर्द व चक्कर आना
- नाड़ी व दिल की धड़कन तेज होना
- त्वचा पीली या ठंडी पड़ जाना
लू से बचने के लिए क्या न करें
दोपहर के समय से लेकर 3 बजे तक धूप में न निकलें |
धूप के समय कोई अधिक मेहनत शारीरिक गतिविधि जैसे व्यायाम या खेल-कूद आदि न करें
शराब, सोडा ड्रिंक, चाय, कॉफी व अन्य पैकेज वाले ड्रिंक न पीएं |
लू से बचने के लिए क्या करें
जरुरी न हो घर के बाहर न जाए, घर के अंदर व छाया वाले स्थान पर रहें |
अगर बाहर जाना जरुरी हो तो बाहर जाते समय छाता, टोपी व तौलिए का इस्तेमाल करें |
पतले व हल्के रंगों वाले कपड़े पहनें |
खूब पानी पिएं और साथ ही अन्य ठंडे पेय पदार्थ लें जैसे नींबू पानी, छाछ और फलों के रस आदि |
कमरे को खुला व हवादार रखें और साथ ही पंखे व एसी चलाकर रखें |
लू लगने पर क्या करें
अगर किसी व्यक्ति को लू लग जाए तो सबसे पहले उसे ठंडी वातावरण में लाएं जिसके लिए आप पंखे या एयर कूलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ठंडे पानी में कपड़े को डुबो कर उसे व्यक्ति के शरीर पर लगाएं। और जल्द से जल्द उसे अस्पताल ले जाएं।