अगर आप 31 मई 2022 को ट्रेन का सफ़र करना चाहते है तो आपको बता दे की इस दिन देशभर में ट्रेनों का संचालन रोका जा सकता है | 31 मई 2022 को दिन देशभर के रेलवे स्टेशन मास्टर हड़ताल करने वाले हैं | इसकी वजह से देशभर की रेलसेवा प्रभावित हो सकती है और रेल के पहिए थम सकते हैं | स्टेशन मास्टर्स के इस फैसले से देशभर के लोगों को ट्रेन के ना चलने से बड़ी परेशानी आने वाली है | ऐसे में सभी की नजर रेल मंत्रालय पर टिकी है | 31 मई से पहले रेल मंत्रालय का कोई बड़ा फैसला आता है तो हड़ताल का टला जाना संभव हो सकता है |
जाने क्या है हड़ताल की वजह
31 मई 2022 के दिन देशभर के रेलवे स्टेशन मास्टर हड़ताल करने जा रहे हैं | दरअसल, स्टेशन मास्टर अपनी कुछ मांगें रेल मंत्रालय से मनवाना चाहते हैं | जिन पर पिछले काफी समय से कोई ध्यान नहीं दे रहा है | इसलिए अब उन्होंने 31 मई 2022 को ट्रेन हड़ताल करने की तैयारी कर ली है |
आपको बता दें देश भर के रेलवे स्टेशनों में स्टेशन मास्टरों की भारी कमी है | एक स्टेशन पर केवल 2 ही स्टेशन मास्टर कार्यरत हैं |जिस कारण स्टेशन मास्टरों का काम 8 घंटे से बढ़कर 12 घंटे हो जाता है | साथ ही, उन्हें छुट्टी मिलना भी मुश्किल हो जाता है | जिस दिन किसी स्टेशन मास्टर का साप्ताहिक अवकाश होता है, उस दिन किसी दूसरे स्टेशन से कर्मचारी बुलाना पड़ता है।
ऐसे में यदि किसी स्टाफ की तबियत खराब हो जाए या उनके घर में कोई इमर्जेंसी हो जाए तो भी प्रॉब्लम हो जाती है | लंबे समय से स्टेशन मास्टर रेल प्रशासन (Railway Administration) स्टेशन मास्टर्स के पद पर भर्तियों की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है |
इसके अलावा सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल किया जाए |स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान किया जाय | संशोधित पदनामों के साथ संवर्गों का पुनर्गठन हो |
ट्रेनों के सुरक्षित और समय पर चलने में उनके योगदान के लिए स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तनाव भत्ता दिया जाए |रेलवे का निजीकरण व निगमीकरण रोका जाए | साथ ही न्यू पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए |
हड़ताल का अचानक नहीं लिया गया है फैसला
रेल स्टेशन मास्टर काफी समय से इस मामले में अपना रोष जता रहे हैं | पहले एस्मा (AISMA) के पदाधिकारियों ने रेलवे बोर्ड अधिकारियों को ई-मेल भेजा था | इसके बाद 15 अक्टूबर 2020 को देशभर के स्टेशन मास्टरों ने मोमबत्ती प्रदर्शन कर विरोध जताया | यहां तक की इन मांगों को लेकर वे भूख हड़ताल पर भी रह चुके है पर सरकार ने इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है |