भारत में बहुत सी ऐसी महिलाए हुई जिन्होंने हमारे देश के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया, देश के इतिहास में महिलाओं ने पायलट से लेकर हर क्षेत्र ने अपना नाम कमाया. लेकिन हमारे देश के इतिहास में एक ऐसी महिला भी हैं, जिनके स्थान पर दशकों बाद भी कोई अपनी जगह नहीं बना पाया. बात यहां देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में हो रही है. इंदिरा गांधी के बाद से अब तक देश को कोई महिला प्रधानमंत्री नहीं मिली. आज इंदिरा गांधी की 38वीं पुण्यतिथि पर देश आज उन्हें याद कर रहा. आइये उनके जीवन से जुडी कुछ बातो से हम आपको अवगत कराये
इंदिरा गांधी का जीवन परिचय
देश की अब तक की एक मात्र महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर, 1917 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश के आनंद भवन में नेहरू परिवार में हुआ था. इनका पूरा नाम है- ‘इंदिरा प्रियदर्शनी गाँधी’. इनके पिता का नाम जवाहरलाल नेहरू और दादा का नाम मोतीलाल नेहरू था. पिता एवं दादा दोनों वकालत के पेशे से संबंधित थे और देश की स्वाधीनता में इनका प्रबल योगदान था. इनकी माता का नाम कमला नेहरू था जो दिल्ली के प्रतिष्ठित कौल परिवार की पुत्री थीं. इंदिरा जी का नाम इनके दादा पंडित मोतीलाल नेहरू ने रखा था.
एक राजनीतिक परिवार ने जन्मी इंदिरा में भी राजनीतिक दूरदर्शिता थी. सिर्फ 11 वर्ष की आयु में इंदिरा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बच्चों की वानर सेना बनाई थी. 1938 में वह औपचारिक तौर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुईं. जब जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री बने तो इंदिरा गांधी ने उनके साथ काम करना शुरू किया.
इंदिरा गांधी का राजनीतिक सफर
इंदिरा गांधी के खिलाफ 1967 के आम चुनावों में कई पूर्व राजे-रजवाड़ों ने सी.राजगोपालाचारी के नेतृत्व में स्वतंत्र पार्टी का गठन लिया था. इनमें से कई कांग्रेस के बागी भी थे. इस कारण इंदिरा ने प्रिवीपर्स समाप्ति का संकल्प ले लिया. 1971 के चुनावों में सफलता के बाद इंदिरा ने संविधान में संशोधन कराया राजा-महाराजाओं के प्रिवीपर्स की समाप्ति दी. 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दिया था. जनता ने इसका माकूल जवाब दिया. 1977 में इमरजेंसी हटा ली गई और जब आम चुनाव हुए इंदिरा गांधी की उसमे सबसे बुरी हार हुई थी.
बांग्लादेश के निर्माण में भी इंदिरा गांधी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जब भारत पाकिस्तान के बीच तीसरे युद्ध ने इतिहास भी बदल दिया. इंदिरा के कुशल नेतृतव में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धुल चटा दिया जबकि पाकिस्तान के पीछे अमेरिका का हाथ था.
फिरोज और इंदिरा गांधी एक साथ आजादी के आन्दोलन में कूदे थे. और वही से उनकी नजदीकियां बढ़ी और 1942 में हिंदू रीति-रिवाज फिरोज और इंदिरा की शादी हो गयी. ऑपरेशन ब्लू स्टार में भी इंदिरा गांधी ने बड़ा योगदान दिया था. जिसने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को अलग खालिस्तान की मांग करने वाले जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके समर्थकों के चंगुल से छुड़वाया था.
इंदिरा गांधी जी के महत्वपूर्ण कार्यो में बैंकों का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया. 1966 में भारत में केवल 500 बैंक शाखाएं थीं. लेकिन आम आदमी बैंक में पैसा जमा कर सके इसके लिए उनका यह फैसला देश के विकास में अभूतपूर्व रहा. लेकिन उनके इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी.
इंदिरा गाँधी के दो सिख अंगरक्षक, सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने 31 अक्टूबर 1984 को नई दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित उनके आवास पर सुबह 09:29 बजे गोली मार कर उनकी हत्या की थी.
कांग्रेस अध्यक्ष ने इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट करके लिखा कि भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके बलिदान दिवस पर मेरा नमन. कृषि हो, अर्थव्यवस्था हो या फिर सैन्य बल, भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने में इंदिरा गांधी का योगदान अतुलनीय है.
राहुल गांधी ने श्रद्धंजलि देते हुए ट्वीट किया वीडियो
राहुल गांधी ने भी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को याद करते हुए ट्वीटर पर एक वीडियो भी शेयर किया है. राहुल गांधी ने लिखा है कि दादी, आपका प्यार और संस्कार दोनों दिल में ले कर चल रहा हूं. जिस भारत के लिए आपने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया, उसे बिखरने नहीं दूंगा.
इसके अलावा राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान तेलंगाना में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर और सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की.