आज देश की नौसेना को अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत मिल गया है. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केरल के कोच्चि में इसे देश को समर्पित किया. अब INS विक्रांत भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो गया है. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे.
क्या है INS विक्रांत की खासियत
आईएनएस विक्रांत को कोचीन शिपयार्ड में 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है इसे आप समंदर में चलता फरता शहर कह सकते हैं. इसका डेक ही दो बड़े फुटबॉल मैदान जितना बड़ा है. इसमें 30 जंगी विमान और हेलीकॉप्टर रखे जा सकते हैं. इसमें 16 बेड का अस्पताल है. 1700 नौसैनिक यहां रह सकते हैं. इससे निर्माण जितने लोहे का इस्तेमाल हुआ है उससे चार एफिल टॉवर का निर्माण हो सकता है.
विक्रांत भारत द्वारा बनाये जाना पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत है. इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिनके पास खुद का विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है. ऐसे में भारतीय नौसेना के पास चीन के बराबर कुल दो विमानवाहक पोत हो जाएंगे. वर्तमान में एशिया में दो देशों के पास ही विमानवाहक पोत मौजूद हैं.
पीएम मोदी ने विक्रांत को लेकर कही तीन बड़ी बाते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि INS विक्रांत भारत सरकार के डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिशों का उदाहरण है. आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो अपनी तकनीक से ऐसे बड़े जहाज बना सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हमें आज नौसेना का नया ध्वज भी मिला है. इसमें अंग्रेजों के सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटाकर छत्रपति शिवाजी महाराज के राजचिह्न को शामिल किया गया है. नौसेना के पास एक ऐसा युद्धपोत है, जो अपने आप में एक तैरता एयरफील्ड और शहर है. इस पर बनने वाली बिजली से 5 हजार घर रोशन हो सकते हैं और इसमें लगे तार केबल अगर कोच्चि से शुरू हों तो कन्याकुमारी तक जाएं.
PM मोदी ने देश के बारे में बात करते हुए कहा कि ये भारतीयों के लिए गर्व का मौका है. ये भारत की प्रतिभा का उदाहरण है. ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर है. विक्रांत विशाल है, ये खास है, ये गौरवमयी है. ये केवल वारशिप नहीं है. ये 21वीं सदी के भारत के कठिन परिश्रम, कौशल और कर्मठता का सबूत है. आज INS विक्रांत ने भारतीयों को नए भरोसे से भर दिया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने INSके बारे में बात करते हुए कहा कि , “आप सभी नौसेना की परंपराओं से अवगत हैं, ‘ओल्ड शिप्स नेवर डाई.’ 1971 के युद्ध में अपनी शानदार भूमिका निभाने वाले विक्रांत का यह नया अवतार, ‘अमृत-काल’ की उपलब्धि के साथ-साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और बहादुर फौजियों को भी एक विनम्र श्रद्धांजलि है.”
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि, “INS Vikrant का कमीशन अगले 25 वर्षों में राष्ट्र की रक्षा करने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है. आईएनएस विक्रांत एक आकांक्षी है, और आत्मनिर्भर भारत का एक असाधारण प्रतीक है. भारतीय नौसेना हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संकटों के लिए पहली प्रतिक्रिया के रूप में तैयार है. INS Vikrant के चालू होने से भारतीय नौसेना की क्षमता और मजबूत होगी.”
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “ हम एक मुक्त, खुला, समावेशी इंडो-पैसिफिक में विश्वास रखते हैं. इस संबंध में हमारे प्रयास प्रधानमंत्री की दृष्टि ‘SAGAR’ यानी ‘सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन दा रीजन’ से निर्देशित हैं.”
भारतीय नवसेना को मिला नया ध्वज
भारतीय नवसेना को आज पीएम मोदी द्वारा नया नौसेना ध्वज यानी निशान मिला. इसमें पहले लाल क्रॉस का निशान होता था. इसे हटा दिया गया है, अब बाईं ओर तिरंगा और दाईं ओर अशोक चक्र का चिह्न है. इसके नीचे लिखा है- शं नो वरुण: यानी वरुण हमारे लिए शुभ हों.
मोदी ने ध्वज का अनावरण करते हुए कहा कि आज मैं नौसेना नया ध्वज छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं. अब तक नौसेना के झंडे पर गुलामी की तस्वीर थी. इस तस्वीर को हमने हटा दिया है. शिवाजी की समुद्री ताकत से दुश्मन कांपते थे.