Sunday, November 20, 2022
HomeDharmJanmashtami 2022: 18 या 19 किस दिन मनाये श्री कृष्ण जन्मोत्सव ,जाने कैसे...

Janmashtami 2022: 18 या 19 किस दिन मनाये श्री कृष्ण जन्मोत्सव ,जाने कैसे करे पूजा विधि और क्या लगाये भोग

हर वर्ष भाद्रपद मास के अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है,परन्तु हर साल इस तिथि को लेकर दुविधा रहती है.  इस बार भी ऐसा ही हुआ है, जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस बार 18 और 19 अगस्त दो दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी. आइए आपको पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा और भोग के बारे में बताते है.

From Internet

कब है कृष्ण जन्माष्टमी

कृष्ण जन्माष्टमी इस वर्ष भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 9 बजकर 20 मिनट से आरंभ होकर 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. कृष्ण जन्म का समय रात्रि बारह बजे है इसी कारण कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार गुरुवार, 18 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के भक्त उपवास रखते हैं और मंदिर में जाकर उनकी पूजा करते हैं. वहीं ज्योतिष के मुताबिक 19 अगस्त को उदयातिथि को मानते हुए इस दिन को भी जन्माष्टमी मनाना उत्तम है. 

From Internet

शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

कृष्ण जन्माष्टमी पर कृष्ण पूजन का शुभ मुहूर्त 18 अगस्त रात्रि 12:20 से 01:05 तक रहेगा और पूजा करने की सीमा अवधि- 45 मिनट तक है  और व्रत पारण समय- 19 अगस्त, रात्रि 10 बजकर 59 मिनट के बाद है 

श्री कृष्ण पूजा की जरुरी सामग्रीयां

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा से पूर्व शिशु कृष्ण के लिए पालना या झूला, शिशु कृष्ण की एक धातुकी मूर्ति, श्रीकृष्ण की मूर्ति के पास रखने के लिए एक छोटी बांसुरी, एक पोशाक, आभूषण, तुलसी के पत्ते, चंदन, अक्षत्, हल्दी, कुमकुम, केसर, मक्खन, कलश, छोटी इलायची, लौंग मौली, इत्र, सिंहासन, गंगाजल, पंचामृत, दीया, दीया जलाने के लिए तेल या घी और रुई की बाती, अगरबत्ती, धूप आदि चाहिए.

From Internet

पूजा विधि

  • जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा होती है.
  • सबसे पहले लड्डू गोपाल का दूध, दही, शहद और जल से अभिषेक करें.
  • अब श्रीकृष्ण के बाल रूप को झूले में बैठाएं और झुलाएं.
  • भगवान को माखन, मिश्री, लड्डू, धनिया पंजीरी और दूसरी मिठाइयों को भोग लगाएं.
  • रात के 12 बजे के बाद भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें.
  • पूजा हो जाने पर लड्डू गोपाल की आरती करें.
From Internet

कृष्ण जन्माष्टमी पर गलती से भी न करे ये काम

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर गलती से भी इन कामो को नहीं करना चाहिये वरना कृष्ण कोप सहना करना पड़ता है. आइये जाने उन कार्यो के विषय में 

  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के दिन तुलसी की पत्ती नहीं तोड़नी चाहिए. जन्माष्टमी पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के लिए तुसली की पत्ती एक दिन पहले ही तोड़ कर रख लेनी चाहिए.
  • जन्माष्टमी व्रत के दिन व्रत नहीं भी रख रहें हैं तो भी चावल नहीं खाना चाहिए.
  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भोजन में लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करनी चाहिए. इस दिन भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • जन्माष्टमी के दिन गाय एवं बछड़े को भूलकर भी न परेशान करें, नहीं तो भगवान श्रीकृष्ण नाराज हो जायेंगे.
  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी किसी का भी अनादर या अपमान नहीं करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किसी भी गरीब का अपमान करने से श्रीकृष्ण नाराज हो सकते हैं और उनका कोप भी सहना पड़ेगा.
From Internet

कृष्णा जन्माष्टमी के भोग

भगवान कृष्णा के बाल रूप की पूजा जन्माष्टमी को की जाती है. इस दिन भगवान कृष्ण को छप्पन भोगो का भोग लगाया जाता है कृष्ण का परम प्रिय भोग माखन-मिश्री भोग है ,जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग जरूर लगाना चाहिए, परन्तु भगवान को इसका भोग लगाने से पूर्व इसमें तुलसी का पत्ता जरुर डाले इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर उन्हें धनिया पंजीरी का भोग लगाया जाता है. मखाना पाग एक पारंपरिक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बनने वाला भोग है. मखाना के साथ घी, दूध और चीनी से बना, मखाना पाग छप्पन भोग का हिस्सा है. 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments