आज का दिन भगवान् भोले नाथ के रौद्र रूप के भक्तों के लिए बड़ा ही शुभ दिन है. क्योंकि आज भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ‘महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग’ मंदिर के दिव्य और भव्य महाकाल लोक कॉरिडोर का उद्घाटन होने जा रहा है. महाकाल मंदिर में उज्जैन की आत्मा बसती है. आज शाम प्रधानमंत्री मोदी महाकाल लोक कॉरिडोर का लोकार्पण कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम का 40 से ज्यादा देशों में प्रसारण भी किया जा रहा है.
पीएम मोदी करेगे उद्घाटन
देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी आज शाम 5.30 बजे इंदौर पहुंचेंगे और इसके बाद दूसरे हेलीकॉप्टर के जरिए उज्जैन पहुंचेंगे. वहां पहुचकर शाम की संध्या आरती में शामिल होंगे. उसके बाद कोरिडोर का उद्घाटन करेगे. कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद वह मुख्यमंत्री शिवराज के साथ कार्तिके मैदान में एक आम सभा को संबोधित करेंगे.
श्री महाकाल लोक के उद्घाटन की गूंज विदेशो में भी देगी सुनाई
श्री महाकाल लोक के उद्घाटन का लाइव प्रसारण विदेशो में भी होगा. भाजपा के विदेश संपर्क विभाग ने यूएसए, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूके, यूएई, कनाडा, हालैंड, कुवैत सहित 40 देश के एनआरआई को लोकार्पण कार्यक्रम दिखाने की व्यवस्था की है. मध्य प्रदेश भाजपा ने इन एनआरआई को कार्यक्रम की लाइव लिंक भेजी है. इतना ही नहीं, विदेश के मंदिरों में लोकार्पण के अवसर पर मनेगा उत्सव, मंदिरों में दीप जलाए जाएंगे. कार्यक्रम भी बड़ी स्क्रीन पर दिखाया जाएगा. इस तैयारी को लेकर वर्चुअल बैठक की गई, जिसमें इन देशों के एनआरआइ, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, विदेश संपर्क विभाग के सह संयोजक सुधांशु गुप्ता शामिल थे.
भव्य है महाकाल का यह कॉरिडोर
महाकालेश्वर का यह कारीडोर बड़ा ही भव्य बनाया गया है. महाकाल लोक कॉरिडोर में दो प्रवेश द्वार बनाए गए हैं, ये नंदी द्वार और पिनाकी द्वार है. इस कॉरिडोर की बनावट में इस बात का ख्याल मुख्य रूप से रखा गया है कि पुरे विश्व के श्रद्धालु जब यहां दर्शन के लिए आएं तो यहां ज़मीन से लेकर आसमान तक, हर जगह बस अपने भगवान भोलेनाथ की ही झलक देखे. यहां तक कि कॉरिडोर में नंदी द्वार से लेकर मंदिर तक बनाए गए 108 स्तंभों में भी भक्तों को महादेव की विभिन्न मुद्राओं के दर्शन होंगे.
भगवान शिव की 190 मूर्तियाँ है शामिल
महाकाल लोक के नाइट गार्डन में भगवान शिव की 190 मूर्तियां शामिल हैं और सभी मूर्तियां भगवान शिव की अलग अलग लीला को दर्शाती हैं. यहां 18 फीट की 8 और प्रतिमाएं हैं जिनमें नटराज, शिव, गणेश, कार्तिकेय आदि शामिल हैं. इसके नज़दीक ही रुद्र सागर भी तैयार किया गया, जिसे साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर विकसित किया गया है.
महाकाल लोक के परिसर में 15-15 फीट की 23 प्रतिमाएं हैं और इनमें शिव नृत्य, 11 रुद्र, महेश्वर अवतार, अघोर अवतार, काल भैरव, शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, वीरभद्र द्वारा दक्ष वध, शिव बारात, मणि भद्र आदि शामिल हैं. और प्रवेश द्वार पर श्री गणेश, अर्द्धनारीश्वर, अष्ट भैरव, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वमित्र, गौतम, कश्यप, जमदग्नी सहित 11-11 फीट की 17 प्रतिमाएं हैं.8 प्रतिमाएं महाकाल लोक में 10-10 फीट की है. जिनमें लेटे हुए गणेश, हनुमान शिव अवतार, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, लकुलेश, पार्वती के साथ खेलते गणेश की प्रतिमा शामिल है. 9-9 फीट की 19 प्रतिमाएं भी यहां लगाई गई हैं. जगह-जगह मूर्तियां या भित्तिचित्र शिव पूराण की घटनाओं को दर्शाते हैं. शिव विवाह को दर्शाने के लिए 111 फीट लंबी म्यूरल पेंटिंग प्रदर्शित की गई है.
आपको बता दें कि बाबा महाकाल धाम को निखारने की चर्चा काफी पहले ही शुरू हो गई थी जो आज महाकाल लोक के भव्य और दिव्य परिसर के रूप में सबके सामने है. पूरे महाकाल लोक को बनाने में लगभग 800 करोड़ की लागत आने का अनुमान है. अब तक इसका पहला चरण बन कर तैयार हुआ है जिसमें करीब 350 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं. पहले मंदिर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था और इस प्रोजेक्ट के बाद बढ़कर 20.33 हेक्टेयर हो गया है. महाकाल लोक परिसर में वैदिक घड़ी भी लगाई जा रही है.