गुंजन सक्सेना, रूही, गुडलक जेरी जैसी फिल्मे करने वाली एक्ट्रेस जान्हवी कपूर की फिल्म ‘मिली’ सिनेमा घरो में रिलीज हो गई है. और उसके रिलीज होने के बाद दर्शको और फिल्म क्रिटिक्स ने अपनी राय देनी शुरू कर दी है. यह एक सर्वाइवल थ्रिलर फिल्म है जिसमें देखा जा सकता है कि मिली यानी कि जान्हवी कपूर कोल्ड स्टोरेज में फंसने के बाद कैसे जीवन जीने के लिए चुनौतियों का सामना कर रही है. आइये जानते है कैसी है फिल्म की कहानी और क्या आप देख सकते है इस फिल्म को –
कैसी है फिल्म की कहानी
मिली फिल्म की कहानी देहरादून में रहने वाली मिली (जान्हवी कपूर) की है जो कि अपने पिता के साथ रहती है. मिली एक बर्गर रेस्टोरेंट में काम करती है. मिली चाहती है कि वो जल्द से जल्द कनाडा में शिफ्ट होकर नौकरी करने लगे तो वो अपने सपनों को पूरा कर सकती है. दूसरी तरफ मिली यह भी चाहती है कि उसके बॉयफ्रेंड समीर (सनी कौशल) की नौकरी लग जाए तो वो समीर को अपने पापा से मिलवा सके. इसी बीच एक दिन रेस्टोरेंट के कोल्ड स्टोरेज रूम में मिली लॉक हो जाती है. अब कैसे मिली पूरी रात भर कोल्ड स्टोरेज रूम में खुद को सुरक्षित रखेगी और अपनी जान बचाएगी. अब क्या मिली कोल्ड स्टोरेज रूम से बाहर जिंदा आ पाएगी, यह जानने के लिए आपको अपने नजदीकी सिनेमाघर में जाकर यह फिल्म देखनी होगी.
मलयालम फिल्म का हिन्दी रीमेक है मिली
शायद इस फिल्म का नाम सुन आप सोच रहे होगे कि यह नब्बे के दशक की जया बच्चन की मिली फिल्म का रीमेक हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं है,यह फिल्म वर्ष 2019 मुथुकुट्टी जेवियर को जिस मलयालम मूवी ‘हेलन’ के लिए बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर का नेशनल अवार्ड मिला था, मिली उसी की हिंदी रीमेक है और इसलिए हिंदी रीमेक में भी उन्हें ही डायरेक्टर रखा गया है.
जान्हवी ने की है जबरजस्त अदाकारी
जाह्नवी कपुर की मिली से पहले रिलीज हुई फिल्म गुडलक जेरी को दर्शकों ने अच्छा रिस्पांस दिया था. अब तक रिलीज हुई फिल्मों में जान्हवी ने मिली में सबसे अच्छा किरदार निभाया है. फिल्म मिली में जान्हवी की बेहतरीन अदाकारी के कारण ही यह फिल्म दर्शकों को आखिरी तक तक सिनेमाघरो में रूकने को मजबूर किया है. फिल्म में उनकी अदाकारी में बिल्कुल वास्तविकता झलकती है. मिली की बेबसी, लाचारी और हताशा को दर्शक बखूबी महसूस कर सकते हैं. साथ ही वे ये भी महसूस कर सकते हैं कि कोल्ड स्टोरेज में फंसी मिली पर क्या बीत रही होगी.
जान्हवी के अलावा स्टोर मैनेजर, दरोगा और पिता के रोल में तीनों ही अभिनेता एक से बढ़कर एक हैं.मनोज पाहवा, अनुराग अरोरा आदि ने अपने किरदारों में जान डाल दी है. लेकिन सनी कौशल के हिस्से में ज्यादा कुछ नहीं है.
रोमांच से भरी है फिल्म
आम दर्शक के लिए मिली फिल्म में पल पल सस्पेंस और रोमांच भरा हुआ है. ऐसे में जब भी फिल्म मिली ओटीटी पर आयेगी तो परिवार के परिवार इसे साथ बैठकर देखेंगे. इस मूवी में गीत जावेद अख्तर ने लिखे हैं, ए आर रहमान ने शीर्षक गीत का म्यूजिक और बैकग्राउंड म्यूजिक दिया है. लेकिन गीत इतने आकर्षित करने लायक नहीं है. फिल्म भले ही सिनेमा घरो में इतने दर्शक न खींच पाए, लेकिन माना जा रहा है कि कम बजट होने के चलते बोनी कपूर ओटीटी आदि से लागत तो निकाल ही सकते हैं.
डायरेक्शन भी ठीक ठाक है
जान्हवी कपूर की इस फिल्म को मुथुकुट्टी जेवियर ने डायरेक्ट किया है और उनका डायरेक्शन ठीक है. मुथुकुट्टी जेवियर ने ही फिल्म के ओरिजनल संस्करण मलयालम को भी डायरेक्ट किया था. मुथुकुट्टी जेवियर ने हिंदी संस्करण को भी मलयालम फिल्म हेलेन जैसा ही बनाया है. मतलब कि अगर आपने फिल्म के मलयालम संस्करण को देखा है तो यह फिल्म आपको कुछ खास पसंद नहीं आएगी. फिल्म का स्क्रीनप्ले ठीक है और सिनेमेटोग्राफी भी बढ़िया है. फिल्म का म्यूजिक और प्रोडक्शन वैल्यू बढ़िया है.
देखे की ना देखे
मिली जान्हवी कपूर की खुबसुरत परफार्मेंस से बनी फिल्म है, इस फिल्म में बाप बेटी का एक भावनात्मक और दिल से जुड़ा हुआ रिश्ता देखने को मिल रहा है. अगर आपको बाप बेटी के रिश्ते पर बनी फिल्मे देखना है और जान्हवी कपूर के दीवाने है तो आपको यह फिल्म देखने जरुर जाना चाहिए.