कोरोना महामारी अभी पूरी तरह से गया भी नही था की दुनियाभर में अब मंकीपॉक्स बीमारी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं | वैसे तो भारत में इसका कोई मामला सामने नही आया है लेकिन इसको लेकर सावधानियां बढ़ा दी गई हैं |
क्या है मंकीपॉक्स ?
मंकीपॉक्स पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है।
क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण ?
मंकीपॉक्स के लक्षणों में शुरुवात में बुखार, शरीर में दर्द, सरदर्द, शरीर पर दाने जैसे लक्षण दिखते है | ये लक्षण अपने आप ही 3 हफ्ते के अंदर चले जाते हैं | मंकीपॉक्स के संपर्क में आए अधिकतर लोगों को केवल बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना और थकान का अनुभव हुआ है | अगर संक्रमण अधिक गंभीर होता है तो चेहरे और हाथों पर दाने और घाव हो सकते हैं जो धीरे-धीरे शरीर के बाकी हिस्सों में फैल सकते हैं |
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स की बीमारी दुसरे लोगो में तब फैलती जब कोई, वायरस से संक्रमित व्यक्ति, जानवर के संपर्क में आता है | त्वचा से त्वचा के संपर्क से इस वायरस से संक्रमण फैलाना सबसे असान है मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से हो सकता है।