आज हमारा देश इंजीनियर्स डे सेलिब्रेट कर रहा है. यह दिन हमारे देश के उन सभी इंजीनियरों को समर्पित दिन है, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस दिन देश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले इंजीनियरों के महत्व और योगदान को याद किया जाता है. इस दिन देश के महान इंजीनियर और भारत रत्न से सम्मानित मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म दिवस रहता है जिन्होंने सिविल इंजीनियर में आधुनिक भारत के बांधो, जलाशयों और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी. आइये जानते है इस दिन का इतिहास और एम विश्वेश्वरैया के बारे में –
क्या है इंजीनियर्स डे का इतिहास
वैसे तो हर दिन हम सभी कोई ना कोई डे मनाते हैं. ऐसे में आज यानी 15 सितंबर को देश में हर साल इंजीनियर्स डे मनाया जाता है. इसकी शुरुआत वर्ष 1968 में हुआ था जब महान इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया के जन्म दिन को इंजीनियर डे के रूप में मानाने की स्वीकृति भारत सरकार ने दी थी.
कौन है विश्वेश्वरैया
भारत रत्न से सम्मानित एम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 को मैसूर के कोलार जिले स्थित क्काबल्लापुर तालुक में एक तेलुगू परिवार में हुआ था. विश्वेश्वरैया को देश में सर एम विश्वेश्वरैया के नाम से भी जाना जाता था. विश्वेश्वरैया के पिता का नाम श्रीनिवास शास्त्री था, जो संस्कृत के विद्वान और आयुर्वेद के डॉक्टर थे.
1883 में पूना के साइंस कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद विश्वेश्वरैया को तत्काल ही सहायक इंजीनियर पद पर सरकारी नौकरी मिल गई थी. वे मैसूर के 19वें दीवान थे और 1912 से 1918 तक रहे. मैसूर में किए गए उनके कामों के कारण उन्हें मॉर्डन मैसूर का पिता कहा जाता है. उन्होंने मैसूर सरकार के साथ मिलकर कई फैक्ट्रियों और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करवाई थी. उन्होंने मांड्या जिले में बने कृष्णराज सागर बांध के निर्माण का मुख्य योगदान दिया था. डॉ. मोक्षगुंडम को कर्नाटक का भागीरथ भी कहा जाता है.1962 में 102 साल की उम्र में डॉ. मोक्षगुंडम का निधन हुआ.
भारत के महान इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का निधन के बाद उनके जन्मदिन को इंजीनियर्स डे के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया और उसी साल भारत ने अपना पहला नेशनल इंजीनियर्स डे मनाया. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बड़े महत्वपूर्ण कार्य किये जिसके कारण उनका जन्मदिवस भारत के अलावा श्रीलंका और तंजानिया भी 15 सितंबर को अपनी इंजीनियर्स डे मनाता है. इस प्रकार के उनके योगदानों के कारण आज उनका जन्मदिवस इंजीनियर्स डे के तौर पर मनाया जाता है. इंजीनियर्स के लिए इस दिन का अपना अलग ही महत्व होता है.
इंजीनियर्स डे पर भेजे शुभकामना सन्देश
आज कल सोशल मीडिया का ज़माना है. लोग इंजीनियर्स डे पर एक दूसरे को मैसेजे और फोटो भेजकर ही शुभकामनाएं दे देते हैं. आइये पढ़े कुछ खास शुभकामना सन्देश जिसे आप अपने दोस्तों और परिवार वालों को भेज सकते हैं
- दुनिया के सभी इंजीनियर्स को हैप्पी इंजीनियर्स डे
हम आपके महान आइडिया और नई खोजों को सलाम करते हैं
जिन्होंने हमारी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है
- जो ऊंचाई पर जाने से नहीं डरता,
जो नीचे गिरने से नहीं घबराता,
जो एग्जाम से खौफ नहीं खाता,
वही असल इंजीनियर है होता
इंजीनियर्स डे की शुभकामनाएं
- इंजीनियरिंग केवल 45 विषयों का अध्ययन नहीं है,
बल्कि यह बौद्धिक जीवन का नैतिक अध्ययन है.
इंजीनियर्स डे की शुभकामनाएं
- इंजीनियर वे व्यक्ति होते हैं जो अपनी कलम और दिमाग से दुनिया की खोज करते हैं. हैप्पी इंजीनियर्स डे