प्रति वर्ष पूरा भारत देश 17 november के दिन ‘नेशनल एपिलेप्सी डे’ या ‘राष्ट्रीय मिर्गी दिवस’ मनाता है. इस दिन जगह जगह विशेष कार्यक्रम और शिविर आयोजित किए जाते हैं राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा मंच का आयोजन किया जाता है जिससे लोगो को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल सके डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में 50 मिलियन लोग मिर्गी से पीड़ित हैं, जिसमें 10 मिलियन व्यक्ति भारत से आते हैं, इसलिए भारत में लोगों को मिर्गी रोग के प्रति जागरूक होना बेहद ज़रूरी है आइये आज राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर जाने इस बीमारी के लक्षण और बचाव
राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का इतिहास क्या है
National Epilepsy Day की शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी जिसे इंटरनेशनल ब्यूरो और इंटरनेशनल लीग अगेंस्ट एपिलेप्सी द्वारा आयोजित किया गया था. इस दिन देशभर में लोगों को मिर्गी के लक्षणों, कारणों और उपचार के बारे में जानकारी दी जाती है साथ ही लोगों को अपना अनुभव शेयर करने को मौका भी दिया जाता है.
मिर्गी दौरे के लक्षण
मिर्गी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को बार बार दौरा पड़ता है इसके अलावा भी मिर्गी के कई लक्षण है, आइये जानते है इस बीमारी के कुछ अन्य लक्षण
- अचानक गुस्सा होना
- चक्कर आना
- एक ही जगह घूमना
- बार-बार एक जैसा व्यवहार करना
- शरीर में झुनझुनी और सनसनी होना
- लगातार ताली बजाना या हाथ रगड़ना
- चेहरे, गर्दन और हाथ की मांसपेशियों में बार-बार झटके आना
- अचानक से डर जाना और बात करने में असमर्थ होना
- बिना तापमान के एक आवेग
- ब्लैकआउट या मेमोरी लॉस होना
- कुछ समय के लिए कुछ भी याद नहीं रहना
- बिना किसी कारण के स्तब्ध रह जाना
- अचानक खड़े-खड़े गिर जाना
- छूने, सुनने या सूंघने की क्षमता में अचानक बदलाव आना
- कुछ अंतराल में बेहोश होना
- इन सबके अलावा, मिर्गी के दूसरे भी अन्य लक्षण हो सकते हैं. मिर्गी का लक्षण मरीज और मिर्गी के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकता है.
मिर्गी से कैसे करें बचाव
- खानपान के समय हाथ-पैरों को साफ रखना चाहिए.
- फास्ट फूड बिल्कुल नहीं खाना चाहिए.
- बाहर का भोजन करने से बचें.
- मादक पदार्थों का सेवन करने से बचें.
मिर्गी के बारे में कई भ्रांतियां
लोगों में मिर्गी बीमारी को लेकर कई भ्रांतियां हैं, लोगो को लगता है कि यह एक लाइलाज रोग है. डॉक्टर्स के अनुसार यह समस्या सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों में देखने को मिलती है. दुर्घटना की वजह से या फिर सिर में चोट लगने के कारण कुछ वर्षों के बाद भी यह रोग हो सकता है. बच्चों में मिर्गी का मुख्य कारण अनुवांशिक हो सकता है या मां के गर्भ में या प्रसव के दौरान या किसी अन्य कारण से मस्तिष्क में रक्त या ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण हो सकता है.
राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का महत्व
राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मिर्गी बीमारी के उपचार के बारे में जानकारी देना है. साथ ही कस्बों और गांवों में इस दिन लोगों को जरूरी दवाइयां वितरित की जाती हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार मिर्गी के मरीजों को शराब या अन्य मादक पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी जाती है, ताकि इस बीमारी का सही ढंग से इलाज किया जा सके.