Friday, November 18, 2022
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Tarun Majumdar Passes Away: ‘बालिका वधू’ जैसी फिल्म के डायरेक्टर तरुण मजूमदार नहीं रहे

मशहूर बांग्ला फिल्म निर्देशक तरुण मजूमदार का सोमवार को कोलकाता में निधन हो गया. पद्म श्री पुरस्कार विजेता ने सुबह 11:17 बजे अंतिम सांस ली. वह 92 वर्ष के थे. मजूमदार को गुर्दे से संबंधित बीमारियां थीं और उन्हें 14 जून से सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कल से ही वह वेंटीलेशन पर थे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत फिल्म जगत की जानी-मानी हस्तियों ने मजूमदार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. वह 92 वर्ष के थे.

तरुण मजूमदार का जन्म कब हुआ था 

तरुण मजूमदार का जन्म 8 जनवरी 1931 को बोगरा बंगाल प्रेसिडेंसी (अब पश्चिम बंगाल) में हुआ था. उनके पिता वीरेन्द्रनाथ मजूमदार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. कॉलेज टाइम केमिस्ट्री के स्टूडेंट रहे तरुण ने बंगाली फिल्मों की एक्ट्रेस संध्या रॉय से शादी की थी.

मजूमदार को मूलरूप से बंगाली सिनेमा के लिए जाना जाता था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में सचिन मुखर्जी और दिलीप मुखर्जी के साथ मिलकर फ़िल्में निर्देशित की थीं और इनके ग्रुप को यात्रिक नाम से जाना जाता था. 1965 में उन्होंने अकेले ही ‘अलोर पिपासा’ नाम की फिल्म का निर्देशन किया. इसके बाद कभी पलटकर नहीं देखा.

1965 में मौसमी चटर्जी को लेकर ‘बालिका वधू’ का निर्देशन किया, जो बांग्ला में रिलीज हुई और फिर इसी फिल्म को 1976 में सचिन और रजनी शर्मा के साथ हिंदी में बनाया, जिसे दर्शकों की खूब सराहना मिली. उनकी पिछली फिल्म 2018 में रिलीज हुई ‘भालोबासर बारी’ थी, जिसमें ऋतुपर्णा सेनगुप्ता और सिलाजीत मुखर्जी की मुख्य भूमिका थी. 

कई अवार्ड से हुए है सम्मानित

तरुण मजूमदार को 4 बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. उन्हें पद्म श्री, राष्ट्रीय पुरस्कार, बीएफजेए पुरस्कार, फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उनके निधन से फिल्म जगत को एक बड़ी क्षति पहुंची है. 

कई ब्लाकबस्टर फिल्मे की है अपने नाम

पहले उन्होंने फिल्म निर्माताओं के ग्रुप ‘यात्रिक’ के तहत काम किया, जिसमें तरुण मजूमदार, दिलीप मुखोपाध्याय और सचिन मुखर्जी शामिल थे. इसके बाद साल 1963 में वो यात्रिक अलग हो गए. तरुण मजूमदार की कुछ बेहतरीन फिल्मों में बालिका बधू (1976), कुहेली (1971), श्रीमन पृथ्वीराज (1972), दादर कीर्ति (1980), स्मृति तुकू ठक (1960), पलटक (1963) और गणदेवता (1978) शामिल है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने व्यक्त की संवेदना

तरुण मजूमदार से गुरुवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अस्पताल मिलने गई थीं.वहीं,उनके निधन पर ममता बनर्जी ने शोक व्यक्त किया है.उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि प्रख्यात फिल्म निर्देशक तरुण मजूमदार के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है.

उन्होंने आज कलकत्ता में अंति सांस ली. उन्हें पद्म श्री, राष्ट्रीय पुरस्कार, बीएफजेए पुरस्कार, फिल्म फेयर पुरस्कार सहित कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उनके निधन से फिल्म जगत को एक बड़ी क्षति पहुंची है. मैं तरुण मजूमदार के परिवार और प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं. 

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