गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन हुआ लाल किले से इस खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी का ये संबोधन कोई आकस्मिक नहीं था, बल्कि इसका एक इतिहास है | इसी किले से मुगल शासक औरंगजेब ने 1675 में गुरुतेग बहादुर को फांसी देने का आदेश जारी किया था |इसी वजह से लालकिले को गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के आयोजन स्थल के रूप में चुना गया | इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया।
पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में कही ये बाते
पीएम मोदी ने कहा की आज की भावना को शब्दों में बता पाना मुश्किल है। आज हमारा देश हमारे गुरुओं के आदर्शों पर चल रहा है। आप सभी देशवासियों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूं। इस लाल किले ने गुरु तेग बहादुर की शहादत को देखा है। लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहुत विशेष हो गया है।
आज हम यहां स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान की वजह से हैं। हिंदुस्तान दुनिया को परोपकार का संदेश देने वाला देश है। ये भूमि सिर्फ एक देश नहीं है। इसे हमारे ऋषि-मुनियों ने सींचा है। सैकड़ों वर्षों की गुलामी से आजादी और भारत की आध्यात्मिकता को अलग करके नहीं देखा जा सकता है।
उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। हिंसा की पराकाष्ठा कर दी। उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए गुरु तेगबहादुर जी सामने आए। आततायी औरंगजेब के सामने हिंद की चादर बन गए और चट्टान बनकर खड़े हो गए। संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर ने बलिदान दिया था। औरंगजेब ने भले ही कई सिर को धड़ से अलग किया, लेकिन हमारी आस्था को हमसे अलग नहीं कर सका। बड़ी-बड़ी सत्ता मिट गई, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है। भारत आगे बढ़ रहा है। आज एक बार फिर दुनिया भारत की तरफ देख रही है। मानवता के मार्ग पर पथ-प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। गुरुनानक जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। मैं अपनी सरकार का सौभाग्य मानता हूं कि उसे गुरुओं की सेवा का इतना मौका मिल रहा है।
नागरिकता संशोधन कानून ने पड़ोसी देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी है। ऐसा इसलिए संभव हुआ है क्योंकि हमारे गुरुओं ने हमें मानवता के पथ पर आगे बढ़ने की सीख दी है। भारत ने कभी किसी समाज या देश के लिए खतरा पैदा नहीं किया है। हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो पूरे विश्व की प्रगति का लक्ष्य सामने रखते हैं। पूरी विश्व के स्वास्थ्य और परोपकार की कामना के साथ करते हैं।
इस मौके पर पीएम मोदी ने उन कामों का भी जिक्र किया जो उनकी सरकार द्वारा किए गए हैं | मोदी ने कहा कि बड़ी-बड़ी सत्ताएँ मिट गईं, बड़े-बड़े तूफान शांत हो गए, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है, आगे बढ़ रहा है. पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने, साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया | सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है | श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं |