देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान जारी है। इस मतदान में कुल 4800 निर्वाचित सांसद और विधायक हिस्सा ले रहे हैं. इलेक्टोरल कॉलेज के सामने द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा के रूप में दो विकल्प हैं. मुर्मू को सत्ताधारी एनडीए ने उम्मीदवार बनाया है. सिन्हा विपक्ष के साझा उम्मीदवार हैं. ओडिशा से आने वाली द्रौपदी मुर्मू का देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है क्योंकि कई विरोधी दलों ने चुनाव में मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर रखा है. पूरे देश के सांसद, विधायक मिलकर अगले महामहिम के नाम पर मुहर लगाएंगे.
राष्ट्रपति चुनाव किसको वोट डालने का अधिकार है
राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा के सभी सांसद और सभी राज्यों के विधायक वोट डालने का अधिकार हैं. इन सभी के वोट की अहमियत यानी वैल्यू अलग-अलग होती है. यहां तक कि अलग-अलग राज्य के विधायक के वोट की वैल्यू भी अलग होती है. एक सांसद के वोट की वैल्यू 708 होती है. लेकिन इस बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा न होने की वजह से सांसदों के वोट की वैल्यू घटकर 700 रह गई है. दूसरी तरफ विधायकों के वोट की वैल्यू उस राज्य की आबादी और सीटों की संख्या पर निर्भर होती है.
भारत देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के एक विधायक के वोट की वैल्यू सबसे ज्यादा 208 होती है.जबकि, इसके बाद झारखंड और तमिलनाडु के एक विधायक के वोट की वैल्यू 176 और महाराष्ट्र के एक विधायक के वोट की वैल्यू 175 होती है.बिहार राज्य के एक विधायक के वोट की वैल्यू 173 होती है. सबसे कम वैल्यू सिक्किम के विधायकों की होती है. यहां के एक विधायक के वोट की वैल्यू सात होती है. इसके बाद नंबर अरुणाचल और मिजोरम के विधायकों का आता है. यहां के एक विधायक के वोट की वैल्यू आठ होती है। चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार एक सांसद के वोट का मूल्य 700 है.
चुनाव के लिए वोट किस प्रकार डाले जाते है , और कौन से रंग का बैलेट पेपर प्रयोग किया जाता है ?
राष्ट्रपति चुनाव में वोट ईवीएम मशीन से नहीं, बल्कि बैलेट पेपर से डाले जाते हैं। हर बैलेट पेपर पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे सभी कैंडिडेट्स के नाम होते हैं. इलेक्टर्स सबसे पसंदीदा कैंडिडेट के नाम के आगे 1 और फिर दूसरे पसंदीदा कैंडिडेट के नाम के आगे 2, इसी तरह पसंद के अनुसार 3,4,5 लिखते हुए कैंडिडेट्स की मार्किंग करते हैं। इसीलिए इसे प्रेफरेंशल वोटिंग कहते हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के लिए इलेक्टर्स को हरे रंग का, विधायकों को गुलाबी रंग का बैलेट पेपर दिया जाता है. वोटिंग के दौरान सभी सांसद और विधायक हर पोलिंग स्टेशन पर एक ही रंग की स्याही और एक ही पेन का इस्तेमाल करते हैं. किसी और रंग की स्याही/पेन के इस्तेमाल पर वोट अमान्य माने जाते हैं. यह सीक्रेट बैलेट होता है. अलग रंग के पेन के इस्तेमाल से यह खुलासा होने का खतरा है कि किस विधायक/सांसद ने किसे वोट दिया. राष्ट्रपति के चुनाव में NOTA का इस्तेमाल भी नहीं होता है.
आइये जाने कौन कौन डाल रहा वोट
भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने संसद में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना वोट डाला. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस सांसद मनमोहन सिंह ने संसद में भारत के राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में वोट डाला. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना वोट डाला. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए लखनऊ में अपना वोट डाला.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस दौरान मतदान किया ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना वोट डाला.
चुनाव में किसका पलड़ा है भरी
राष्ट्रपति चुनाव एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी माना जा रहा है. उन्हें बीजद, वाईएसआरसीपी, बसपा, अन्नाद्रमुक, तेदेपा, जद (एस), शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और झामुमो जैसे क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिला है. द्रौपदी मुर्मू का वोट शेयर लगभग दो-तिहाई तक पहुंचने की संभावना है.
कब आयेगा चुनाव का परिणाम
राष्ट्रपति चुनाव के तुरंत बाद ही बैलेट पेपर्स की गिनती शुरू होगी. निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम घोषित करने के लिए 21 जुलाई की तारीख तय की है.