पिछले कुछ सालो से कोविड की वजह से उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई के कारण रिजर्व बैंक बुधवार रात को एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान कर दिया. रेपो रेट 4.50 फीसदी बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया है. यह करीब एक महीने के अंतराल में रेपो रेट में लगातार दूसरी बढ़ोतरी है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की जून बैठक के बाद रेपो रेट बढ़ाए जाने की जानकारी दी. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिनों की यह बैठक सोमवार से चल रही थी और 8 जून को संपन्न हुई. बैठक में समिति के पांचों सदस्यों ने गवर्नर दास की अगुवाई में महंगाई और इकोनॉमिक ग्रोथ की वास्तुस्थिति पर विचार-विमर्श किया.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सेंट्रल बैंक के 6 सदस्यीय रेट सेटिंग पैनल ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 4.50 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 4.90 फीसदी करने के पक्ष में वोट दिया है. मई में भी आईबीआई ने रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट बढाया था. RBI के गर्वनर ने कहा, “महंगाई में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है जो अब बर्दाश्त से बाहर हो चुकी है. पिछली पॉलिसी मीटिंग में महंगाई की मार पर प्रकाश डाला गया था जिसपर समय से पहले ही कदम उठा लिया गया है.”
REPO RATE का गाड़ी EMI पर असर
अगर आप इन कुछ दिनों में गाडी लेने की सोच रहे है तो आपको अपना बजट बढा लेना चाहिए क्योंकि सभी कारों और बाइक्स की EMI अब बढ़ने वाली है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कल रात को मुख्य ब्याज दर को 50 बेसिस पॉइंट बढ़ा दिया है. जिसका सीधा असर नए वाहन के ब्याज और हर महीने आने वाली EMI पर पड़ा है. बीते 5 हफ्ते में ये दूसरी बार है. जब RBI द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने से वाहन के साथ-साथ घर और अन्य सामान खरीदना अब और महंगा हो गया है.
रेपो रेट की बढ़ोत्तरी से घरों की मांग होगी प्रभावित
जमीन-जायदाद का विकास करने वाली कई कंपनियों ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत दर रेपो में वृद्धि के फैसले से कर्ज महंगा होने से अल्पकाल में मकानों की मांग प्रभावित होने की आशंका जताई है.
कनफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा आरबीआई के नीतिगत दर बढ़ाने से मकान कर्ज महंगा होगा. इससे अल्पकाल में मांग प्रभावित हो सकती है. हालांकि, उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों और ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिये व्यक्तिगत आवास ऋण 100 प्रतिशत बढ़ाये जाने का स्वागत किया.
हीरानंदानी समूह के प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि आवास ऋण पर ब्याज बढ़ने से खरीद में आयी तेजी प्रभावित होगी क्योंकि मासिक किस्त बढ़ना तय है. हालांकि उन्होंने कहा इसका असर अस्थायी होगा क्योंकि मकान कर्ज दीर्घकाल में ‘फ्लोटिंग दर’ पर आधारित होते हैं.