Friday, November 25, 2022
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Sawan Somwar 2022: प्रदोष व्रत के साथ आज है सावन का दूसरा सोमवार जाने क्या है पूजा विधि और क्या है शुभ संयोग

सावन महीना शिव और पार्वती का प्रिय महीना है और इसमें पड़ने वाले हर सोमवार का अपना अलग ही महत्त्व है इस साल सावन का दूसरा सोमवार 25 जुलाई 2022 को है. श्रावण का दूसरा सोमवार बेहद ही महत्वपूर्ण है. क्योंकि आज सोमवार व्रत के साथ साथ सोम प्रदोष व्रत भी है. आज के शुभ योग में महादेव और मां पार्वती की पूजा का फल दोगुना हो जाएगा. आइए जानते हैं सावन के दूसरे सोमवार के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.

सावन के दूसरे सोमवार की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठ जाएं और फिर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.
  • उसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं.
  • सभी देवी-देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें.
  • शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, रोली, मौली, चावल, चीनी, सफेद चंदन, सफेद आंक के फूल, भांग, धतूरा, बेलपत्र, चमेली के फूल, मिठाई, फल, तिल आदि अर्पित करें.
  • अब भोलेनाथ को फल चढ़ाए और भोग लगाएं. 
  • उसके बाद शिवजी की आरती करें.
  • पूरे दिन सिर्फ सात्विक चीजें ही खाएं.
  • इस दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान शिव का मंत्र जाप करें. 

शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग

ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:16 से 04:57 तक

प्रातः सन्ध्या: प्रात: 04:36 से 05:38 तक

अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:55 तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 02:44 से 03:38 तक

सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:17 से 08:19 तक

अमृत काल: दोपहर 03:10 से 04:58 तक

निशिता मुहूर्त: प्रात: 12:07 से 12:49 तक (26 जुलाई 2022)

सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रात: 05:38 से 01:06 तक (26 जुलाई 2022)

अमृत सिद्धि योग: प्रात: 05:38 से 01:06 तक (26 जुलाई 2022)

दुसरे सावन सोमवार व्रत का महत्व 

सावन के दूसरे सोमवार को को प्रदोष व्रत होने के कारण इसका इसका महत्व अत्यधिक है इस सोमवार विधि पूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. इससे उनकी कृपा प्राप्त होगी. इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है. मान- सम्मान में वृद्धि होती है.

किन मंत्रो का करे जाप 

सावन के हर सोमवार को उनके प्रिय मंत्रो का जाप करना चाहिए. कहा जाता है कि जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. शिव जी का पंचाक्षर मंत्र: ऊँ नम: शिवाय है.

महामृत्युंजय मंत्र

  • ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
  • ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
  • ॐ नमः शिवाय।
  • नमो नीलकण्ठाय।
  • ॐ पार्वतीपतये नमः।
  • ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
  • ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।

कैसे करे भोलेनाथ को प्रसन्न

सावन के इस दुसरे सोमवार पर बहुत ही शुभ और फलदायी योग बना हुआ है. आज सावन सोमवार के साथ-साथ आज प्रदोष व्रत भी है. प्रदोष व्रत भगवान शिव जी का प्रिय व्रत माना जाता है और इस दिन उपवास,पूजा और जलाभिषेक का विशेष महत्व होता है. सावन सोमवार और प्रदोष व्रत दोनों का संयोग एक साथ होने से भगवान शिव की पूजा आज विशेष फलदायी होने वाली होगी.

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