कल यानि 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा है. नवरात्रि के दिनों में देवी माँ के अलग अलग रूपों की पूजा की जाती है. माँ का व्रत और पूजन करने से भक्त की मनोकामनाए पुरी हो जाती है. लेकिन, नवरात्रि के कुछ नियम है जिनका पालन करना बेहद जरूरी है. इन नियमो का पालन न करने पर माता रुष्ट हो जाती है. हिन्दू धर्म के शास्त्रों में भी इन नियमो का विस्तार पूर्वक विवेचन किया गया है. इसलिए पहले से ही जान लें कि नवरात्रि के दिनों में वे कौन से कार्य हैं. जिन्हें करने से बचना चाहिए. जानते हैं शारदीय नवरात्रि में क्या करें और क्या ना करे.
शारदीय नवरात्रि पर क्या करना चाहिए
- शारदीय नवरात्रि में अखंड ज्योति जलने का विशेष महत्व होता है. आप अपने घर पर शारदीय नवरात्रि के समय अखंड ज्योति जरूर जलाएं.
- शारदीय नवरात्रि के दौरान भक्त को अपने घरो में भजन कीर्तन करना या करवाना चाहिए हो सके तो माता के जगराता का भी आयोजन करे.
- नवरात्र में प्रत्येक दिन पूजा के उपरान्त हवन जरूर करे या कराएं. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और अगर रोज ना कर सके तो नवरात्रि के सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि को हवन जरुर कराये.
- नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक व्रत रखें. इसमें आप फलाहार रह सकते हैं या फिर केवल एक समय ही भोजन करें.
- शारदीय नवरात्रि में प्रतिदिन दुर्गा चालीसा, चंडी पाठ, या दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए.
- नवरात्रि के अष्टमी या नवमी तिथि को कन्या पूजन जरूर करें. क्योंकि इसके बिना नवरात्रि का व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है.
शारदीय नवरात्र में क्या ना करे
- भक्त अगर अपने घर पर नवरात्रि में कलश स्थापना कर रहे हैं, या माता की चौकी का आयोजन कर रहे हैं या अखंड ज्योति जला रहे हैं. तो आप घर छोड़कर कही ना जाये और ना ही घर पर ताला लगाये .
- आप अपने पूजा घर में गन्दगी ना फैलाये. ऐसा करने से माता रानी का आशीर्वाद नहीं मिलता है.
- नवरात्रि के नौ दिनों में नाखून काटना, दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए. ऐसा आप नवरात्रि के समाप्ति के बाद ही करे अन्यथा माँ के कोप का भाजन बनाना पड़ेगा. हालांकि इस दौरान बच्चों का मुंडन करवाना शुभ होता है.
- नवरात्रि में भूलकर भी व्रत रखने वाले व्यक्ति को भोजन में प्याज, लहसुन या मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए. विष्णु पुराण के मुताबिक नवरात्रि व्रत के समय दिन में नहीं सोना चाहिए.
- जो भक्त नौ दिन का व्रत रख रहा है. उसे काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इस व्रत को पूरे साफ-सफाई के साथ रखना चाहिए. 9 दिनों तक व्रत रखने वाले व्यक्ति को भूलकर भी गंदे और बिना धोए कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इस दौरान सिलाई-कढ़ाई जैसे काम भी वर्जित होते हैं.
- व्रत में नौ दिनों तक व्रत रखने वाले भक्त को खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. वे अपने खाने में कुट्टू का आटा, समारी के चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक, फल, आलू, मेवे, मूंगफली खा सकते हैं. नवरात्रि व्रत के दौरान फलाहार हमेशा एक ही जगह पर बैठकर ग्रहण करना चाहिए.
- नवरात्रि में अगर दुर्गा चालीसा, मंत्र या सप्तशती पढ़ रहे हैं तो पढ़ते हुए बीच में किसी दूसरे से बात ना करें. ऐसा करने से आपकी पूजा का फल नकारात्मक शक्तियां ले जाती हैं. व्रत रखने वाले लोगों को बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- जो भक्त व्रत रख रहे हो उन्हें नौ दिन तक नींबू नहीं काटना चाहिए. व्रत के दौरान अगर फल खा रहे हैं तो एक बार में ही उसे खत्म कर लें, कई बार में नहीं. नवरात्रि के दौरान व्रत का फल पाने के लिए ब्रह्मचर्य व्रत का पालन जरूर करें.