Monday, March 27, 2023
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Sita Navami 2022 : सीता नवमी तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

सीता नवमी हिंदू धर्म में इस दिन का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मां सीता का जन्म हुआ था। मां सीता के जन्मोत्सव को सीता नवमी या जानकी नवमी के नाम से जाना जाता है | माता सीता मिथिला के राजा जनक की बेटी थी | जब राजा जनक के राज्य में कई वर्षों से वर्षा नहीं हो रही थी। तो इससे चिंतित होकर जनक ने ऋषियों से विचार किया तब ऋषियों ने सलाह दिया कि महाराज स्वयं हल चलाएं तो इन्द्र देव की कृपा हो सकती है।मान्यता है कि बिहार स्थिति सीममढ़ी का पुनौरा गांव वह स्थान है जहां राजा जनक ने हल चलाया था। हल चलाते समय हल एक धातु से टकराकर अटक गया। राजा जनक ने उस स्थान की खुदाई करने का आदेश दिया। इस स्थान से एक कलश निकला जिसमें एक सुंदर सी कन्या थी। इन्होंने कन्या को ईश्वर की कृपा मानकर पुत्री बना लिया। हल का फल जिसे सीत कहते हैं उससे टकराने के कारण कलश से कन्या बाहर आयी थी |इसलिए कन्या का नाम सीता रखा गया। माता सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है |

जाने सीता नवमी कब और पूजा का शुभ मुहूर्त

साल 2022  में नवमी मंगलवार, 9 मई को शाम 6 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होकर अगले दिन शाम 7 बजकर 24 मिनट तक रहने वाली है | उदिया तिथि होने के कारण सीता नवमी 10 मई को ही मनाई जाएगी | और जो लोग इस दिन व्रत रखते है |वह लोग 10 मई को व्रत रख सकते है | सीता नवमी के दिन (10 मई )को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:57 बजे से दोपहर 01:39 बजे तक है|

कैसे करे माता सीता की पूजा

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सीता नवमी के दिन व्रत रखने और पूजा करने से कई तीर्थयात्राओं के दान-पुण्य के बराबर फल मिलता है | जो भी इस व्रत को रखता है और पूजा करता है उनके घर में सुख-शांति बनी रहती है इसके अलावा यह भी कहा जाता है की इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु का वरदान मिलता है | अब हम बात करते है की इसकी पूजा कैसे करे |

  • सीता नवमी के दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत का संकल्प लें |
  • स्नान के बाद गंगाजल से भगवान श्रीराम और माता सीता जी की प्रतिमा को स्नान कराएं |
  • इसके बाद घर के मंदिर या पूजास्थल पर माता सीता और भगवान राम की विधि पूर्वक पूजा करें और भोग लगाएं |
  • प्रतिमा के सामने घी का दीपक प्रज्जवलित करें|
  • एक आसन पर बैठकर लाल चंदन की माला से ॐ श्रीसीताये नमः मंत्र का एक माला जाप करें
  • इसके बाद भगवान राम और सीता माता की आरती करें |
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