सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना के मामले में कारोबारी विजय माल्या को 4 महीने कारावास की सजा सुनाई है और 2000 रुपये का जुर्माना लगाया है. बैंकों का हजारों करोड़ रुपये हजम कर फरार हुए माल्या को सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2017 को अवमानना का दोषी ठहराया था. उसे डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के विदेशी एकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए अवमानना का दोषी करार दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को अवमानना के मामले में सोमवार को चार महीने की सजा सुनाई. कोर्ट ने कहा कि अवमानना करने वाले ने अपने किए पर ना कोई पछतावा जताया और ना ही उसके लिए माफी मांगी. कानून का शासन बनाए रखने के लिए अवमानना करने वाले को उचित सजा दिया जाना जरूरी है.
माल्या पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जो उन्हें 4 हफ्ते में देना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो माल्या को और दो महीने जेल में बिताने होंगे. माल्या को 4 हफ्ते के अंदर 8% ब्याज के साथ 40 मिलियन डॉलर (करीब 317 करोड़ रुपए) वापस करने को भी कहा गया है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो कुर्की की कार्यवाही की जाएगी.
विजय माल्या को भारत लाने के लिए केंद्र ने क्या कहा
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि प्रत्यर्पण की कानूनी लड़ाई हार जाने के बावजूद विजय माल्या कुछ कानूनी दांवपेच अपना कर यूनाइटेड किंगडम में बना हुआ है. उसने वहां कोई गुप्त कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है. यूके की सरकार ने न तो इस प्रक्रिया में भारत सरकार को पक्ष बनाया है, न उसकी जानकारी साझा की है.
इस कारण माल्या को अब तक भारत नहीं लाया जा सका है. सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा था कि माल्या ब्रिटेन में एक आजाद इंसान की तरह रहता है, लेकिन वहां क्या कर रहा है, इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है.