प्रतिवर्ष 14 अक्टूबर के दिन विश्व स्तर पर विश्व मानक दिवस मनाया जाता है. यह दिन सेलिब्रेट करने का मुख्य उपभोक्ताओं, नियामकों और उद्योग के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था में मानकीकरण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. ऐसा इसलिए क्योंकि हर दिन व्यक्ति का अपने जीवन में सोने से लेकर जागने तक उत्पाद और सेवाओं से पाला पड़ता है. अगर इनमें मानकों का उचित रूप से पालन ना किया जाए, तो व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं. आइये जानते है इस दिन का इतिहास और महत्व
विश्व मानक दिवस का इतिहास
विश्व मानक दिवस को मानाने की शुरुआत वर्ष 1970 में हुई थी. 14 अक्टूबर 1970 को पहली बार विश्व मानक दिवस मनाया गया था. 1956 में लंदन में 25 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा मानकीकरण की सुविधा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाने का फैसला किया गया और इसके लिए 14 अक्टूबर की तारीख को चुना गया. इसके बाद साल 1957 में आईएसओ का गठन किया गया. तत्पश्चात 1970 से विश्व मानक दिवस मनाने की शुरुआत की गई.
विश्व मानक दिवस की थीम
यह दिन उन तकनीकी समुदायों के प्रयासों की सराहना करने के लिए मनाया जाता है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य मानकों को बनाने में योगदान करते हैं. ये ‘मानक’ तकनीकी दस्तावेज़ीकरण की वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से निर्मित और प्रशंसित हैं. सदस्य देश इस दिन दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने और अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ स्मार्ट शहरों के निर्माण की दिशा में काम करने का संकल्प लेते हैं.
विश्व मानक दिवस मनाने के लिए प्रतिवर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है. इस साल विश्व मानक दिवस की थीम ‘बिल्डबैक बेटर है ’. कोविड-19 द्वारा लाई गई एक समस्या का सामना हम कर रहे हैं. ऐसे में आवश्यकता है सब एक साथ आगे आकर उन्नति की ओर बढ़े.
विश्व मानक दिवस कैसे मनाये
विश्व मानक दिवस मनाने के लिए आप अपने जीवन में उन सभी चीजों के बारे में सोचने के लिए समय निकालें जो मानकीकृत हैं और वे आपके जीवन को आसान बनाते हैं. आकार, आकार, संरचना, आवृत्ति, और अन्य सभी काल्पनिक बिट्स जो हमारी दुनिया को एक साथ फिट करते हैं, मानकों द्वारा शासित होते हैं.