Saturday, November 19, 2022
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World Student’s Day 2022: किसकी याद में मनाया जाता है वर्ल्ड स्टूडेंट डे और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत, जानें यहां

किसी भी देश या उसके अन्दर के समाज को आगे बढ़ाने में एक छात्र महत्वपूर्ण  भूमिका निभाता है. भीड़ में सबसे अलग और खुद की पहचान बनाने का सपना लिए हुए एक विद्यार्थी आगे बढ़ता है और भविष्‍य का निर्माण करता है. छात्रों की इसी भावना को उत्तम मानते हुए साल में एक दिन विद्यार्थीयों को जश्‍न मनाने का मौका मिलता है, जिसे विश्‍वभर में ‘वर्ल्‍ड स्‍टूडेंट्स डे’ के नाम से जाना जाता है. ‘विश्व छात्र दिवस’ मनाना सभी के लिए काफी गर्व की बात है, क्‍योंकि इसके द्वारा समाज को महत्‍वपूर्ण सीख देने का प्रयास किया जाता है. इस दिन बच्‍चों को शिक्षा और उसके महत्‍व की जानकारी दी जाती है.  आइये जानते है विश्व छात्र दिवस कब और क्यों मनाया जाता है 

World Students Day का इतिहास

विश्व छात्र दिवस के दिन देश के प्रख्यात वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस का होता है. डॉ. कलाम के साइंस और टेक्नोलॉजी की फील्ड में उत्कृष्ट योगदान के अलावा पुरे विश्व के छात्रों की तरक्की के लिए किए कार्यों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र वर्ष 2010 में उनका 79वां जन्म दिवस पहली बार वर्ल्ड स्टूडेंट डे के रूप में मनाया गया था और उनके जन्मदिवस 15 अक्टूबर को ही हर साल यह दिवस मनाए जाने का फैसला लिया गया. तभी से डॉ. कलाम का जन्मदिवस विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.

विश्व छात्र दिवस का महत्व

भारत में विद्यार्थियों के लिए वर्ल्‍ड स्‍टूडेंट्स डे का विशेष महत्‍व होता है क्योंकि इस दिन सभी स्कूल और कॉलेजों में शिक्षा के महत्‍व को दोहराया जाता है. साथ ही बच्‍चों को उनके मौलिक अधिकारों की जानकारी दी जाती है. इसके अलावा स्‍कूली बच्‍चों को डॉ. कलाम के जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में बताया जाता है. डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जीवन हमें इस बात की सीख देता है कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें क्यों न हो शिक्षा द्वारा हम इन सभी बाधाओं को पार कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं.

अब्दुल कलाम के अनमोल विचार

  • सपने वो नहीं जो नींद में आते हैं, सपने तो वो हैं जो नींद आने नहीं देते.
  • इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं.
  • अगर सूरज की तरह चमकना है तो पहले सूरज की तरह जलो.
  •  “आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन आप अपनी आदतें बदल सकते हैं, और निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी.”
  • एक छात्र की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक प्रश्न करना है, छात्रों को प्रश्न पूछने दें.
  • “अपनी पहली जीत के बाद आराम मत करो क्योंकि अगर आप दूसरी में असफल हो जाते हैं, तो अधिक लोग यह कहने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि आपकी पहली जीत सिर्फ किस्मत थी.”
  • जिस दिन हमारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जाएं मान लीजिए आप कामयाब हो गए.
  • हम सभी में समान प्रतिभा नहीं होती है. लेकिन, हम सभी के पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने का समान अवसर है.
  • मनुष्य के लिए कठिनाइयों का होना बहुत जरूरी है क्योंकि कठिनाइयों के बिना सफलता का आनंद नहीं लिया जा सकता.
  • असफलता कभी मुझे पछाड़ नहीं सकती, क्योंकि मेरी सफलता की परिभाषा बहुत मजबूत है.
  • आकाश की तरफ देखिए हम अकेले नहीं हैं, सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है, और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है.
  • विनाश से बचने के लिए बुद्धि एक हथियार है, यह एक आंतरिक किला है जिसे दुश्मन नष्ट नहीं कर सकते हैं.

डॉ ए.पी.जे अब्‍दुल कलाम की जीवनी

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम का जन्‍म तमिलनाडु के रामेश्‍वरम में 15 अक्‍टूबर 1931 को हुआ था. उन्‍होंने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में एक वैज्ञानिक और प्रशासक के रूप में काम किया. उन्‍होंने भारत के 11वें राष्‍ट्रपति बनने से पहले भारत के अंतरिक्ष और सैन्‍य मिसाइल प्रोग्राम को विकसित करने में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया. डॉ. कलाम को मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है. वे स्‍टूडेंट्स को व्‍यावहारि‍क व्‍याख्‍यान और लेक्‍चर्स देने के लिए भी जाने जाते थे. उन्‍होंने अपने जीवनकाल में कई छात्रों  की मदद की और उन्‍हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. कलाम का 27 जुलाई 2015 को आईआईएम शिलॉन्‍ग में व्‍याख्‍यान देते समय हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया. 

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