आज कल लोगों का जानवरों के प्रति बढ़ता प्रेम उनकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. जी हां, कुछ खतरनाक बीमारियां ऐसी होती हैं जो जानवरों से इंसानों में प्रवेश कर सकती हैं. बता दें कि ऐसी संक्रामक बीमारियों को ही जूनोसिस (Zoonoses) कहते हैं. हर साल 6 जुलाई को विश्व जूनोसिस दिवस (World Zoonoses Day) मनाते हैं. इस दिन को मनाने का मकसद जानवरों से इंसानों में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करना है.
6 जुलाई को ही क्यों मनाया जाता है जुनोसिस दिवस
6 जुलाई 1885 के दिन ही पहली बार रेबीज का टीका बनाया गया था. जो जुनोसिस बीमारियों का पहला टीका था और ये टीका महान वैज्ञानिक लुई पाश्चर (Louis Pasteur) द्वारा बनाया गया था. यही कारण है कि हर साल इसी दिन वर्ल्ड जूनोसिस डे मनाया जाता है.
जूनोसिस रोगों को फैलाने में जानवर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि 75 प्रतिशत नई या उभरती हुई बीमारियां इन्हीं से उत्पन्न होती हैं. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, जूनोटिक रोग का संचरण जानवरों के संपर्क में आने से फैलता है.
जुनोसिस दिवस मनाने का महत्व
विश्व जूनोसिस दिवस के मौके पर लोगों को संक्रामक बीमारियों के बारे में जागरूक किया जाता है. इनमें ऐसी बीमारियां शामिल हैं, जो जानवरों या पक्षियों से मनुष्य में पहुंचती हैं.जूनोज जानवरों से मनुष्यों में और इसके विपरीत फैलने वाली बीमारी है. वायरस, बैक्टीरिया, कवक, परजीवी और मच्छरों से प्रेरित ज़ूनोटिक रोग. ज़ूनोटिक रोग के कुछ उदाहरण इबोला, स्वाइन फ़्लू, एन्सेफलाइटिस, कोविड 19 आदि हैं. सबसे घातक वायरस जो इन दिनों पूरी दुनिया के लिए संकट बना हुआ है – कोविड 19 भी एक ज़ूनोटिक रोग है.
जूनोटिक एक तरह का रोगजनक वायरल होता है जो कि बैक्टीरिया या परजीवी हो सकते हैं. ये किसी जानवर के डायरेक्ट संपर्क या इंडारेक्ट संपर्क जैसे कि भोजन, पानी या पर्यावरण के माध्यम से मनुष्यों में फैल सकते हैं. यह एक मध्यस्थ प्रजाति के माध्यम से भी फैल सकता है. जूनोटिक केवल जंगली जानवरों जैसे चमगादड़ या बंदर से ही उत्पन्न नहीं होता है.यह पालतू जानवरों और खेत में होने वाले जानवरों से भी आ सकता है.
डब्लू एच ओ (WHO) के अनुसार विश्व स्तर पर, बीमारी के लगभग एक बिलियन मामले, और लाखों मौतें हर साल जूनोज (zoonoses) से होती हैं और, 60% उभरती संक्रामक बीमारियां जूनोज हैं.
कैसे बचें ज़ूनोटिक रोगों से
- हाथ और चेहरे की स्वच्छता का ध्यान रखे,अपने हाथों को नियमित रूप से साफ करें.
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर यात्रा करते समय अपने चेहरे को ढँक लें
- बिना पका हुआ भोजन न करें.
- अगर आपके पास जानवर हैं तो उनकी देखभाल करें, उनकी नियमित जांच करवाएं.
- अपने स्थान को साफ और स्वच्छ रखें.
वर्ल्ड जूनोसिस डे 2022 थीम
हर साल छह जुलाई को विश्व लोगो को जुनोसिस बीमारियों की प्रति आगाह करने के लिए एक थीम बनाई जाती है इस साल विश्व जुनोसिस डे की थीम है “लेट्स ब्रेक द चेन ऑफ़ जूनोटिक ट्रांसमिशन” जिसका मतलब है जुनोटिक बीमारियों के ट्रांश मिशन की चेन को तोड़ना.